मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार देर रात उग्रवादियों ने पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की हत्या कर दी। पुलिस ने शनिवार सुबह बताया कि जिले के क्वाक्टा इलाके में तीनों लोगों को सोते समय गोलियां मारी गईं और फिर उन पर तलवार से हमला किया गया। पुलिस के मुताबिक, हमलावर चुराचांदपुर से आए थे। उसने कहा, "तीनों मृतक एक राहत शिविर में रह रहे थे, लेकिन स्थिति में सुधार होने के बाद वे शुक्रवार को क्वाक्टा में अपने घर लौट गए थे।" पुलिस के अनुसार, घटना के तुरंत बाद गुस्साई भीड़ क्वाक्टा में जमा हो गई और चुराचांदपुर की तरफ बढ़ने लगी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक दिया। पुलिस ने कहा, "फौगाकचाओ और क्वाक्टा के आसपास राज्य के सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी होने की भी खबरें हैं।" इसके अलावा मणिपुर में 27 विधानसभा क्षेत्रों की समन्वय समिति द्वारा शनिवार को बुलाई गई 24 घंटे की आम हड़ताल से इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और लगभग सभी इलाकों में बाजार व व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। हड़ताल के दौरान सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे और केवल कुछ निजी वाहन ही चलते दिखे। हड़ताल के कारण स्कूल भी बंद रहे। हालांकि, पहाड़ी जिले हड़ताल से काफी हद तक अप्रभावित रहे। समन्वय समिति ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा का आपातकालीन सत्र आहूत करने की मांग को लेकर यह हड़ताल की है। समिति के संयोजक एल बिनोद ने पहले कहा था कि हड़ताल लोगों की परेशानियों को बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि "सरकार पर दबाव" बनाने के वास्ते है। इस बीच, मणिपुर मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके से 21 अगस्त से विधानसभा का सत्र आहूत करने की सिफारिश की। पिछला विधानसभा सत्र मार्च में हुआ था।
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