देश की सियासत के साथ-साथ बिहार की सियासत में शुक्रवार को हलचल तब तेज हो गई जब राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. इस खबर ने देशभर के कांग्रेसियों में उत्साह की लहर भर दी. लेकिन, इसी हलचल के बीच राहुल गांधी दिल्ली में आरजेडी सांसद मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से मुलाकात करने पहुंचे, जिसके बाद कई अटकलों का दौर शुरू हो गया और इस मुलाकात के मायने खोजे जाने लगे. बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने इस मुलाकात पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन, जो कहा वो बहुत कुछ इशारा करता है.
अखिलेश सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. यह सत्य और न्याय की जीत हुई है. देशभर के लोग खुश हैं. अब राहुल जी के नेतृत्व में पूरे देश में आरएसएस की विचारधारा को हराने की लड़ाई लड़ी जाएगी. जाहिर है अखिलेश सिंह का बयान बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है. खासकर वो भी तब जब देश की राजनीतिक फिजा में नीतीश कुमार के भूमिका को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. नीतीश कुमार को INDIA का संयोजक बनाने की चर्चा हो रही है, जिसकी कोशिश लालू प्रसाद यादव भी कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष के बयान से मामला गंभीर हो सकता है क्योंकि अगर राहुल गांधी INDIA को नेतृत्व देते हैं, तो नीतीश कुमार सहित कई रीजनल पार्टियों के प्रमुख का रुख क्या रहता है, यह देखना भी दिलचस्प होगा.
दरअसल लालू यादव से राहुल गांधी की इस मुलाकात को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि लालू यादव का कांग्रेस खासकर गांधी परिवार से बेहद मधुर संबंध है. कई मौके ऐसे आए जब लालू यादव गांधी परिवार के लिए ढाल बनकर खड़े हुए हैं. बताया यह भी जाता है कि आज INDIA का जो स्वरूप है उसके पीछे लालू यादव का ही दिमाग है, जिनके वजह से नीतीश कुमार ने यह कवायद शुरू की और देश भर के कई बड़े बीजेपी विरोधी नेताओं से मुलाकात कर बीजेपी के खिलाफ एक बड़े मोर्चे का शक्ल INDIA के रूप में दिया. लालू यादव ने ही पटना की बैठक में मजाक में राहुल गांधी को दूल्हा बनाने की बात कही थी जिसके बड़े अर्थ खोजे जाने लगे थे और माना जा रहा था कि लालू यादव ने राहुल गांधी को लेकर इशारो में ही सही गठबंधन के तमाम सहयोगियों को बड़ा मैसेज भी दिया था.
लालू यादव से बंद कमरे में राहुल गांधी से क्या बात हुई, यह तो सामने नहीं आया है. लेकिन बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील खान कहते हैं कि राहुल लालू यादव देश के बड़े नेता हैं वो अभिभावक जैसे भी हैं. ऐसे में राहुल गांधी जी से उनकी यह आत्मीय मुलाकात थी. लालू जी शुरू से ही कांग्रेस और गांधी परिवार के निकट रहे है. ऐसे में उनकी मुलाकात को उसी नजरिए से देखा जाना चाहिए. जहां तक बात राहुल गांधी जी की भूमिका की बात है, अखिलेश सिंह ने जो कहा है इसमें क्या गलत है. आज बीजेपी को टक्कर देने में सबसे अग्रणी राहुल गांधी ही है. इससे किसी को कैसे इंकार हो सकता है. लेकिन, राहुल गांधी जी ने सबको लेकर चलने की बात कही है. नीतीश जी भी देश के कई नेताओ से मिल उन्हें INDIA में साथ लाया है और उनकी भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण है. सभी लोग इस प्रयास में लगे हैं और वह भी लगे हुए हैं.
वहीं आरजेडी के वरिष्ठ नेता और विधायक भाई वीरेंद्र कहते हैं कि लालू जी आज देश के बड़े नेता के तौर पर अपनी पहचान रखते हैं. वह लगातार बीजेपी के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए हैं. यही काम राहुल गांधी जी भी कर रहे है जिन्हें बीजेपी परेशान कर रही थी. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद बीजेपी को झटका लगा है. अब राहुल गांधी और लालू यादव सहित INDIA के तमाम नेता बीजेपी को पटखनी देने की मुहिम में और ज़ोर शोर से लगेंगे. नीतीश जी भी इस मुहिम में बढ़चढ़ कर लगे हुए है और किसकी क्या भूमिका होगी ये तो मुंबई के बैठक में तय हो ही जाएगा थोड़ा इंतज़ार कर लीजिए.
वहीं राहुल गांधी और लालू यादव मुलाकात पर जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि राहुल गांधी को राहत मिलना अच्छी खबर है. इससे एनडीए घबराहट में है. जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि राहुल गांधी को राहत मिलना अच्छी खबर है. इससे एनडीए घबराहट में है. 2024 का चेहरा कौन होगा. इसका फैसला मुंबई में होने वाले बैठक में तय होगा, अभी से क्या कहा जाए.
वहीं इस मुलाकात को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि लालू यादव के सोनिया गांधी और राहुल गांधी से अच्छे संबंध रहे हैं. लालू यादव कई मौकों पर खुलकर कांग्रेस के साथ रहे हैं. ऐसे में राहुल गांधी को जैसे ही सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली, उसके थोड़ी देर बाद वह लालू यादव से मिलने जा पहुंचे. इस मुलाकात के सियासी मायने निश्चित तौर विपक्षी एकता की मजबूती की ओर इशारा करती है.
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