पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में उन पर सत्ता में रहने के दौरान सरकारी तोशाखाने से महंगे गिफ्ट बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप है. पीटीआई चीफ की गिरफ्तारी से नाराज इमरान समर्थक भारी संख्या में लाहौर के जमान पार्क स्थित उनके आवास पर जुटने लगे हैं. ऐसे में आशंका जताई जाने लगी है कि क्या पिछली बार की तरह इस बार भी इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद वैसे ही हिंसा भड़क सकती है. इस बीच इमरान खान ने अपने समर्थकों से सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद करने की अपील की है.
पीटीआई चीफ के ट्विटर हैंडल से जारी वीडियो में उन्होंने कहा, ‘मेरे पाकिस्तानियों जब तक यह पैगाम (संदेश) आप तक पहुंचेगा, मुझे ये गिरफ्तार कर चुके होंगे और मैं जेल में होऊंगा. यह लंदन प्लान को पूरा करने की राह में एक और कदम है. मेरी आपसे एक ही अपील है कि आपको घरों में चुप करके नहीं बैठना है.’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैं जो यह जद्दोजहद कर रहा हूं यह अपने लिए नहीं कर रहा हूं. अपनी कौम के लिए कर रहा हूं आप के लिए कर रहा हूं… आपके बच्चों के भविष्य के लिए कर रहा हूं. अगर आप अपने बच्चों के अधिकारों के लिए नहीं खड़े होंगे, तो आप गुलामों की जिंदगी गुजारेंगे. मैं चाहता हूं कि मेरी पार्टी के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण, दृढ़ और मजबूत रहें. हम किसी और के सामने नहीं बल्कि अल्लाह के सामने झुकते हैं जो अल हक है. हम लाइलाहा इल्लल्लाह में विश्वास करते हैं.’
इस्लामाबाद स्थित जिला एवं सत्र अदालत के अतिरिक्त जज हुमायूं दिलावर ने इमरान खान पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें और छह महीने तक जेल में रखा जाएगा. दिलावर ने अपने फैसले में कहा, ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष के खिलाफ संपत्ति की गलत घोषणा करने के आरोप साबित हुए हैं.’
अदालत के फैसले के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने पंजाब पुलिस के सहयोग से 70 वर्षीय इमरान खान को लाहौर में उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया. खान के परिवार ने यह जानकारी दी. ट्विटर पर एक संक्षिप्त पोस्ट में खान की पार्टी ने कहा, ‘इमरान खान को कोट लखपत जेल ले जाया जा रहा है.’
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक अताउल्लाह तरार ने पीटीआई चीफ खान की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘यह बाद में तय किया जाएगा कि उन्हें रावलपिंडी की अदियाला जेल में रखा जाएगा या कहीं और.’
तोशाखाना मामला पिछले साल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) की शिकायत पर दायर किया गया था. ईसीपी इससे पहले इसी मामले में खान को अयोग्य करार दे चुकी थी. इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) द्वारा खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के लिए तोशाखाना मामले की विचारणीयता को बरकरार रखने के सत्र अदालत के फैसले को रद्द करने के एक दिन बाद यह फैसला आया. ईसीपी ने 21 अक्टूबर, 2022 को खान को ‘झूठे बयान और गलत जानकारी’ देने के आरोप में सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था.
तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के अंतर्गत एक विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों और सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. खान ने तोशाखाना से कुछ उपहार खरीदे, जिनमें एक कीमती घड़ी भी शामिल थी, और उसे लाभ कमाने के लिए बेच दिया.
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