श्री यमुना मंडल और गोवत्स परिवार भीलवाड़ा की ओर से श्री रघुनाथद्वारा ,सांगानेरी गेट पर आयोजित त्रिदिवसीय नानी बाई के मायरे की कथा के दूसरे दिन गोवत्स श्री दिव्यांशु जी महाराज ने कथा पाण्डाल में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान की भक्ति व्यक्ति को निर्भय करती है, उसे एक दृढ़ विश्वास प्रदान करती है। नरसी जी के चरित्र से हमें प्रभु पर अटूट विश्वास रखने की प्रेरणा लेनी चाहिए। नानी बाई के मायरे में आज नरसी जी द्वारा मायरे के लिए प्रस्थान, भगवान द्वारा खाती का रूप बनाकर नरसी जी की घाड़ी चलाना, अंजार नगर में प्रवेश आदि प्रसंगों का मार्मिक वाचन किया गया। मायरे में आज झांकी करने को श्रीजी के द्वार चली...,आणो पड़सी रे सांवरिया..., घाड़ी में बैठाले रे बाबा...आदि भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। कथा में तीसरे दिन, रविवार को नानी बाई का मायरा ठाकुर जी द्वारा जिस प्रकार भरा गया , उस प्रसंग का भावमय वाचन किया जाएगा। कथा में कल मायरे के अवसर पर छप्पन भोग भी श्रीनाथ जी को लगाया जाएगा।पंडित ओमकार शर्मा ने बताया कि कथा में आज गोवत्स गोपाल जी महाराज, जोधपुर, योगेश जी पाराशर आदि महानुभावों ने अंत मे महाआरती कर कथा को विश्राम दिया।
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