राजस्थान सरकार ने जयपुर नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया है। शनिवार देर रात 1:45 पर स्वायत्त शासन विभाग ने मुनेश के निलंबन के आदेश जारी किए।
विभाग के डायरेक्टर हृदेश कुमार शर्मा ने बताया- भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मेयर पति सुशील गुर्जर और उनके दो दलालों को 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था।
इस दौरान उनके घर से 41 लाख से ज्यादा की नकदी भी बरामद हुई है। ऐसे में माना जा रहा है कि ACB की टीम जल्द ही मेयर मुनेश से भी पूछताछ कर सकती है।
वहीं, कार्रवाई के दौरान परिवादी के पट्टे की फाइल भी मेयर निवास से मिली है, मेयर मुनेश गुर्जर उस समय घर पर मौजूद थीं।
उनकी मौजूदगी में मेयर पति ने 2 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। इस पूरे मामले की शुरुआती जांच में मेयर की मिली-भगत का शक है।
हृदेश कुमार शर्मा ने बताया- उनके मेयर पद पर बने रहने से विचाराधीन जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने की पूरी संभावना है।
इसे ध्यान में रखते हुए राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(6) के अन्तर्गत आने वाली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मुनेश गुर्जर को मेयर और पार्षद के पद से भी तुरंत प्रभाव से निलंबित किया गया है।
वहीं, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा- राजस्थान सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है। कोई भी व्यक्ति जो भ्रष्टाचार करता है।
उसके खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जिस पार्टी और आदमी ने इन्हें यहां तक पहुंचाया, इन दोनों ने उसी आदमी के साथ विश्वासघात किया। इन दोनों ने पार्टी और उस नेता की इमेज के बारे में नहीं सोचा। इससे बड़ा पाप नहीं हो सकता है।
खाचरियावास ने कहा- मैं चाहता हूं जो रिकॉर्डिंग एसीपी ने की है, उस रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक किया जाए। ताकि आम जनता को भी पता चले कि किस तरह यह लोग भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे थे।
खाचरियावास ने कहा कि हमने कांग्रेस की मेयर लोगों की भलाई के लिए बनाई थी। भ्रष्टाचार और चोरी करने के लिए नहीं बनाई थी।
खाचरियावास ने कहा- फिलहाल राजस्थान एसीबी की टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है। ऐसे में अगर जांच में यह लोग दोषी पाए जाते हैं तो सिर्फ निलंबन नहीं बल्कि, इनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी।
खाचरियावास ने मेयर पति सुशील गुर्जर द्वारा पार्षद मनोज मुद्गल पर लगाए गए आरोपों पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि पहले खुद चोरी के मामले में पकड़ में आए हैं।
अब इस तरह की डायलॉग बाजी कर रहे हैं। जो पूरी तरह गलत है। अगर उन्हें कुछ कहना ही है। तो कोर्ट में अपना पक्ष रखें।
आदर्श नगर विधायक रफीक खान ने कहा- राजस्थान सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। 24 घंटों में ही सरकार ने मेयर को निलंबित कर दिया है।
इससे साफ जाहिर है कि राजस्थान में जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार करेगा। उसके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा। चाहे वह कितना ही बड़ा आदमी क्यों ना हो।
बता दें कि ACB की टीम ने मेयर के घर पर सर्च के दौरान पट्टों के साथ ही एक दर्जन से ज्यादा फाइल जब्त की हैं। इसके साथ ही मेयर और मेयर पति सुशील गुर्जर का फोन भी ACB के पास है।
जिसकी कॉल डिटेल्स और वॉट्सऐप कॉल की जानकारी जुटाई जा रही है। ऐसे में अब माना जा रहा है कि जल्द ही ACB की टीम मेयर मुनेश गुर्जर से भी इस मामले में पूछताछ कर सकती है।
बता दें कि शुक्रवार शाम ACB की टीम ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था। टीम ने पट्टा जारी करने की एवज में 2 लाख रुपए मांगे जाने पर मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को गिरफ्तार किया था।
सुशील पर पट्टे बनाने की एवज में 2 लाख रुपए की घूस मांगने का आरोप थे। मेयर के घर सर्च में 41 लाख रुपए नकद मिले थे। इसके बाद ACB की टीम इस पूरे मामले को लेकर अब नगर निगम की पुरानी फाइलों की जांच कर रही है।
वहीं, अब इस पूरे घटनाक्रम के साथ ही नगर निगम हेरिटेज में कार्यवाहक मेयर लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जयपुर हेरिटेज के पार्षदों ने मेयर बनने के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है। इतना ही नहीं बल्कि, पार्षदों के साथ विधायक भी अपने पसंदीदा पार्षद को मेयर बनाने की जुगत में जुटे हुए हैं।
इस सप्ताह जयपुर नगर निगम को कार्यवाहक मेयर मिल सकता है। जिसमें नसरीन बानो और सुनीता महावर का नाम प्रमुखता से चल रहा है। वहीं, डिप्टी मेयर के पद पर भी बदलाव होने की पूरी संभावना है।
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा। टीम ने मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों को गिरफ्तार किया है। सुशील पर पट्टे बनाने की एवज में 2 लाख रुपए की घूस मांगने का आरोप है।
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