देश में इन दिनों गेहूं और चावल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बुधवार को यह ऐलान किया कि चरणबद्ध तरीके से बिक्री के लिए 50 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 25 लाख मीट्रिक टन चावल खुले बाजार में उतारा जाएगा. ई-नीलामी के माध्यम से खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत गेहूं बाजार में बिक्री के लिए आएगा.
खाद्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया, ‘भारतीय खाद्य निगम (FCI) ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री के लिए ओएमएसएस-डी के तहत चरणबद्ध तरीके से 50 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 25 लाख मीट्रिक टन चावल खुले बाजार में उतारेगा. एफसीआई द्वारा चावल के लिए पिछले 5 ई-नीलामी के अनुभव को ध्यान में रखते हुए, आरक्षित मूल्य 200 रुपये प्रति क्विंटल कम किया जाएगा और प्रभावी मूल्य अब 2900 रुपये प्रति क्विंटल होगा. पहले चावल का आरक्षित मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल था.
केंद्र सरकार ने 20 जुलाई को देश से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगा दी थी. देश में चावल की बढ़ती महंगाई को देखते हुए यह कदम उठाया गया था. उपभोक्ता मामलों के विभाग की वेबसाइट के अनुसार, गेहूं की अखिल भारतीय दैनिक औसत खुदरा कीमत में पिछले साल के मुकाबले 6.12 प्रतिशत और थोक कीमत में 7.53 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इसी तर्ज पर चावल की अखिल भारतीय दैनिक खुदरा कीमत में 12.82 प्रतिशत और थोक कीमत 12.79 प्रतिशत तक बढ़ गई है.
आरक्षित मूल्य में कमी के कारण होने वाली लागत उपभोक्ता मामलों के विभाग के मूल्यों को स्थिर रखने वाला कोष उठाएगा. अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार पहले ही महंगाई को लेकर पूरी तरह से अलर्ट है और समय रहते इसे रोकने के लिए कदम उठा रही है.
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