किसी भी व्यक्ति के किसी शरीर में ईश्वर द्वारा यदि किसी प्रकार की दिव्यांगता है तो भी वह व्यक्ति अपनी मेहनत, दृढ़ प्रतिज्ञा के साथ गुरु के आशीर्वाद से सफलता की उच्चतम सीढ़ियां प्राप्त कर अपने काम से दुनिया में सर्वोच्च स्थान प्राप्त सकता है । यह विचार भारत विकास परिषद राजस्थान मध्य प्रांत के संयुक्त महा सचिव रजनीकांत आचार्य ने विवेकानंद शाखा द्वारा मूक बधिर विद्यालय एवं सूर निलयम अंध विद्यालय के संयुक्त कार्यक्रम में गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रकट किए।
आचार्य ने जगद्गुरू श्री रामभद्राचार्य का उदाहरण देते हुए बताया कि बचपन में इनका नाम गिरधर था ।2 वर्ष की आयु में ही आप दृष्टि हीन हो गए ।इसके बावजूद 3 वर्ष की उम्र में प्रथम कविता लिखी,5 वर्ष की उम्र में गीता के सभी 700 श्लोक नंबर के साथ याद कर लिए। 7 वर्ष की उम्र में मात्र 60 दिन में ही रामचरित मानस की 10900 चौपाइयां एवं छंद याद कर लिए। आप 22 भाषाये बोल सकते हैं। आपने 100 से अधिक पुस्तके तथा 50 से अधिक रिसर्च पेपर बोल करके लिखवाये । यह सब उन्होंने अपनी मेहनत एवं गुरु पंडित ईश्वरदास महाराज के आशीर्वाद से प्राप्त किया ।आपको कई प्रकार की उपाधियों से नवाजा गया है। इसके साथ ही वैज्ञानिक आइंस्टीन वैज्ञानिक स्टीफन हार्डिंग,हेलन केलर, रविंद्र जैन आदि के उदाहरण देते हुए कहा कि ईश्वर प्रदत्त शारीरिक कमी के बावजूद इन्होंने अपने क्षेत्र में उच्चतम स्थान प्राप्त किया। दिव्यंगता के बावजूद व्यक्ति में यदि प्रतिबद्धता एवं गुरु का आशीर्वाद प्राप्त हो तो वह सब कुछ प्राप्त कर सकता है ।गुरु शिष्य परंपरा पर विस्तार से बताते हुए कहा कि गुरु के आशीर्वाद से हमे सफलता अवश्य मिलती है ।अतः हमें प्रतिदिन गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए ।इस अवसर पर शाखा द्वारा दोनों विद्यालयों के संयुक्त कार्यक्रम में 150 से भी अधिक दिव्यांग बच्चों के मध्य बधिर बाल कल्याण समिति के सचिव बरदी चंद लोगड सहित विद्यालय के 30 गुरुजनों एवं कर्मचारियों को तिलक, अंगवस्त्र पहनाकर ,श्रीफल, कलम देकर बच्चों के साथ वंदन किया गया जिसमें बच्चों की सहभागिता रही। साथ ही 6 बालकों जिन्होंने शैक्षणिक, खेल , जूडो,चित्रकला आदि क्षेत्र में राष्ट्र एवम् राज्य स्तर पर संस्था का प्रतिनिधित्व कर पुरस्कार प्राप्त किये। ऐसे बालकों को मोमेंटो, साहित्य मेडल एवं प्रमाण पत्र लेकर अभिनंदन किया गया ।संस्था प्रधान सिस्टर संताना ने परिषद के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उनके विद्यालयों को चयन करने में प्रसन्नता जाहिर करते हुए परिषद का आभार प्रकट किया। प्रारंभ में सभी ने मिलकर दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का आगाज किया। परिषद की सेवा एवं संस्कार की जानकारी शाखा सचिव गिरीश अग्रवाल ने दी ।हरगोविंद सोनी एवं गिरीश झंवर की उपस्थिति उल्लेखनीय रही ।कार्यक्रम का संचालन वित्त सचिव भेरूलाल अजमेरा ने किया।
भारत विकास परिषद शाखा विवेकानंद के गुरु वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम में ऐसे परिवार को सम्मानित किया गया जो सभी मूक बधिर है। परिषद सचिव गिरीश अग्रवाल ने बताया कि सुनील चतुर्वेदी विद्यालय के छात्र रहे हुए हैं। आपकी पत्नी हेमलता भी इसी श्रेणी की हैआपके तीन पुत्रियां हैं। जो तीनो ही इसी श्रेणी में आती है तथा इसी विद्यालय में पढ रही है। एक पुत्री कृति ने जूडो में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त किया है। परिषद के प्रांतीय संयुक्त महासचिव रजनीकांत की जानकारी में आया तो नम आंखों के साथ बुलाकर परिवार को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन किया।
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