ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) और वर्ल्ड चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) को आगामी एशियाई खेलों (Asian Games 2023) के ट्रायल्स में छूट दी गई है. इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की एडहॉक कमेटी के इस फैसले की चौतरफा विरोध हो रहा है. इंडियन रेसलिंग फेडरेशन (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए देश की कुश्ती को गर्त में मिलने की बात कही है.
आईओए की तदर्थ समिति ने बजरंग और विनेश को एशियाई खेलों में डायरेक्ट एंट्री दी है. ये दोनों पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के प्रमुख चेहरा थे. महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण सिंह ने कहा है कि उन्होंने पहलवानों को छूट देने की प्रथा खत्म कर दी थी क्योंकि उन्हें महसूस हुआ कि इससे जूनियर पहलवानों का नुकसान हो रहा था.
बृजभूषण सिंह ने कहा, ‘तदर्थ समिति ने जो फैसला किया, उससे मैं काफी दुखी हूं. ये निर्णय इस देश की कुश्ती को गर्त में मिला देगा. इस खेल को ऊपर लाने में काफी लोगों ने मेहनत की है. खिलाड़ियों ने, उनके माता-पिता ने और इस खेल के प्रशंसकों ने बहुत मेहनत की है.’ बृजभूषण सहित दिग्गज पहलवान योगेश्वर दत्त ने भी आईओए की तदर्थ समिति के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं.
बकौल बृजभूषण , ‘आज देश के अंदर एक ही खेल (कुश्ती) ऐसा है जिसके अंदर ओलंपिक में पदक गारंटी माना जाता है. एशियाई खेल जैसे टूर्नामेंट में बिना ट्रायल्स के इन पहलवानों को भेजने का फैसला बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.’ जब उनसे सवाल पूछा गया कि उनके कार्यकाल के दौरान भी विनेश, बजरंग और अन्य पहलवानों को 2018 एशियाई खेलों के लिए ट्रायल्स से छूट दी गई थी और यहां तक कि 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल्स के दौरान भी ऐसा किया गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि यह गलती थी.
उन्होंने कहा, ‘हमने इन पहलवानों को सीधे राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं भेजा था, हालांकि हमने उन्हें सीधे सेमीफाइनल स्थान दिया था. हमें बाद में महसूस हुआ कि शायद यह सही नहीं है और इसलिए ही हमने अपनी कार्यकारी समिति में इस मुद्दे पर चर्चा की थी, कोचों से सलाह ली थी और अन्य देशों के नियमों का आकलन किया था और आम सालाना बैठक में नया नियम बनाया था कि इस तरह की छूट किसी भी स्थिति में किसी भी पहलवान को नहीं दी जाएगी.’
दूसरी ओर, योगेश्वर ने कहा है कि यह पक्षपातपूर्ण है और यह खेल के हित में नहीं है. योगेश्वर ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए अपनी सहानुभूति युवा पहलवानों के प्रति जताई है. उन्होंने युवा पहलवानों को इस मामले में आगे आने को कहा है. योगेश्वर का कहना है कि उन्होंने इस बार में आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा से भी बात की है.
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