सीधी और होशंगाबाद में आज लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 5 सरकारी अफसर औऱ कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा. पहली कार्रवाई सीधी में हुई. यहां लोकायुक्त की टीम ने आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त और सहायक अधीक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. दूसरी कार्रवाई नर्मदापुरम में हुई. यहां सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ 3 कर्मचारियों को रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़ा गया.
रीवा लोकायुक्त की टीम ने सीधी में आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त राजेश परिहार और सहायक अधीक्षक अनिरुद्ध पांडे को 80 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा. लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम यहां आयी थी. दोनों को पकड़कर आगे की कार्रवाई के लिए सर्किट हाउस लाया गया. भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ लोकायुक्त की आगे की कार्रवाई जारी है.
लोकायुक्त अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया सिहावल छात्रावास अधीक्षक अशोक पांडे का तबादला आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों ने रुदा भदौरा कर दिया था. ट्रांसफर रुकवाने के लिए सहायक आयुक्त राजेश परिहार और सहायक अधीक्षक अनिरुद्ध पांडे ने अशोक पांडे से एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. पांडे पहली किश्त के रूप में 20 हजार रुपए दे चुके थे. आज बाकी 80000 की दूसरी किश्त देने पहुंचे थे. लेकिन उन्होंने लोकायुक्त में इसकी शिकायत पहले ही कर दी थी. छात्रावास अधीक्षक अशोक पांडे ने कहा इन दोनों अधिकारियों से जिले भर के 113 छात्रावास अधीक्षक परेशान हैं. इनसे परेशान होकर मैं आत्महत्या करने की सोचने लगा था. लेकिन मुझे कानून पर भरोसा है. इसलिए लोकायुक्त पुलिस का सहारा लिया.
लोकायुक्त निरीक्षक जियाउल हक ने बताया आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त राजेश सिंह परिहार सहित उनके सहयोगी अनिरुद्ध पांडे को 80 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है. दोनों अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है.
लोकायुक्त की दूसरी कार्रवाई नर्मदापुरम में हुई. यहां सीएमएचओ दफ्तर में पदस्थ 3 कर्मचारियों को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा. अचानक हुई इस कार्रवाई से दफ्तर में हड़कंप मच गया. कर्मचारी इधर-उधर भागते हुए नजर आए. सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ लेखापाल महेश मरावी, क्लर्क गजेंद्र वर्मा और कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष नगाइच ने जिला पब्लिक हेल्थ नर्सिंग ऑफिसर निर्मला दंडवाल से एरियर्स की राशि के भुगतान करने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग की थी. निर्मला पहली किश्त के रूप में 30 हजार रुपए दे रही थीं.
निर्मला दंडवाल वेतनमान समयमान के एरियर्स की राशि के भुगतान के लिए लगभग 4 महीने से परेशान थीं. वो दफ्तरों के चक्कर लगा रही थीं. परेशान होकर महिला ने 17 जुलाई को लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की. आवेदिका की शिकायत पर आज लोकायुक्त की 9 सदस्यीय टीम ने पूरी प्लानिंग के साथ सीएमएचओ कार्यालय नर्मदापुरम पहुंचकर पहली किश्त 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए 3 कर्मचारियों को रंगे हाथ पकड़ लिया.
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