भागलपुर में पुल का गिरना आम बात हो गई है. ये हम नहीं शहर के लोग कहते हैं. दरअसल सुल्तानगंज में गंगा पर बन रहे पुल एक बार नहीं बल्कि दो बार टूट कर गंगा में समा चुका है. लेकिन इस बार गंगा का नहीं बल्कि कोशी पर बने पुल पर खतरा मंडरा रहा है. सीमांचल और भागलपुर को जोड़ने वाली कोसी नदी पर बने बाबा विशु राउत सेतु पर अस्तित्व खतरा मंडराने लगा है. बाबा बिशु राउत सेतु का एप्रोच रोड धीरे धीरे कटने लगा है. कोशी की तेज धारा व बारिश के कारण वहां पर कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. अगर समय रहते इसका बचाव नहीं किया गया तो उत्तरी बिहार के सीमांचल का सम्पर्क भागलपुर से भंग हो जाएगा. इससे लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा.
वहीं दूसरी ओर नवगछिया प्रखंड के कोसी पार का इलाका पूरी तरीके से जलमग्न हो जाएगा. आपको बता दें कि वर्ष 2015 मेंइस पुल का निर्माण किया था. महज 8 वर्षो में हीं इस पुल के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. यदि बाबा विशुराउत सेतु का एप्रोच रोड कट जाता है तो बाबा विशु राउत पुल को बचाना संभव नहीं होगा.स्थानीय संजीव कुमार सिंह ने कहा की कटाव धीरे धीरे पाया के नजदीक पहुंच गया है. बाबा बिशुराउत पुल का उत्तरी छोड़ कटाव के मुहाने पर है. अगर इस तरह कटाव की स्थिति रही तो महीने भर में एप्रोच रोड कट जायेगा. वहीं स्थानीय व्यक्ति रामदेव सिंह ने बताया की यदि सरकार समय पर इसके बचाव हेतु कदम नहीं उठाती है तो इसको बचा पाना मुश्किल होगा. इससे लाखों की आबादी प्रभावित होगी. इस पुल से लाखो लोगों को फायदा है. नेपाल सहरसा, मधेपुरा के लोगों के लिए ये सुविधाजनक रास्ता है. वो आसानी से भागलपुर, बांका सहित झारखंड जाते हैं.
इसको लेकर जब जिलाधिकारी सुब्रत सेन से बात की गई तो उन्होंने कहा की ऐसा कोई मामला नहीं है. बारिश के कारण थोड़ा कटाव हो गया है. वहीं इसको लेकर स्थानीय लोग काफी चिंतित हैं. जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि हमलोग इसको दिखवा कर जो भी व्यवस्था होगी उसे तुरंत किया जाएगा.
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