बेंगलुरु में हुआ कांग्रेस और TMC का मेल, 10 दिन बाद ही आई कड़वाहट, अधीर रंजन ने ममता को क्यों बताया 'मजबूर'?

हाल ही में बेंगलुरु में आयोजित संयुक्त विपक्ष की दूसरी बैठक में कांग्रेस (Congress) और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress- TMC) ने संयुक्त मोर्चा बनाने पर रजामंदी जाहिर की थी. दोनों पार्टियों के नेताओं ने इस मौके पर अच्छा सौहार्द दिखाया. इस बैठक में विपक्षी दलों ने मिलकर अपने मोर्चे का नाम इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (Indian National Developmental Inclusive Alliance- INDIA) रखा. मगर इसके 10 दिन से भी कम समय के बाद पश्चिम बंगाल में दोनों पार्टियों के बीच संबंधों की कड़वाहट एक बार फिर से सबके सामने आ गई है. इससे यह संकेत भी मिलता है कि 26-पार्टियों के समूह के भीतर अभी भी कई मुद्दों को सुलझाया जाना बाकी है.

शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी पर जमकर हमला बोला. चौधरी ने कहा कि ‘ममता 2011 में कांग्रेस की मदद से सत्ता में आईं थीं. तब उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया था. राज्य की जनता का अब ममता बनर्जी से मोहभंग हो गया है. इसलिए उन्हें लगा कि अब उन्हें कांग्रेस से हाथ मिला लेना चाहिए…तृणमूल को अब कांग्रेस की सख्त जरूरत है.’ चौधरी ने कहा कि ‘राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) ने पूरे देश को एकजुट किया. राहुल गांधी का नेतृत्व समग्र रूप से भारत में बदलाव का स्पष्ट संकेत है. टीएमसी को एहसास हुआ कि अगर वे राहुल गांधी की राजनीति से नहीं जुड़ेंगे तो पार्टी टूट जाएगी.’

टीएमसी के नेता शांतनु सेन ने पलटवार करते हुए कहा कि ‘गठबंधन को ध्यान में रखते हुए टीएमसी बदले में कांग्रेस पर हमला नहीं करने वाली है. टीएमसी 180 से अधिक सीटों के साथ पश्चिम बंगाल में सत्ता में आई. वह संख्या बढ़ी ही है, लेकिन 2011 में कांग्रेस शून्य हो गई. गठबंधन को ध्यान में रखते हुए हम कांग्रेस पर हमला नहीं कर रहे हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम कमजोर हैं. हम पश्चिम बंगाल में भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए काफी शक्तिशाली हैं. हमें किसी की मदद की जरूरत नहीं है.’ ये बयान टीएमसी की वार्षिक शहीद दिवस रैली के एक दिन बाद आए. जहां ममता और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस के बारे में बोलने से परहेज किया, जबकि उन्होंने सीपीआई (एम) और भाजपा पर हमला किया. अपने भाषण में ममता ने कहा कि ‘हमें सत्ता या पद की परवाह नहीं है, हम अपने देश की शांति की परवाह करते हैं.’

कांग्रेस और टीएमसी की कलह के सामने आने पर कटाक्ष करते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ‘जो लोग टीएमसी की इस सरकार के खिलाफ लड़ना चाहते हैं, वे आएं और भाजपा के साथ लड़ें. या एक ऐसा मंच बनाएं जहां आप खड़े होकर अत्याचारी राज्य सरकार के खिलाफ लड़ सकें… अगर आप इस राज्य सरकार के खिलाफ लड़ना चाहते हैं, तो गठबंधन की बैठक में शामिल हुए नेताओं की तस्वीरें देखकर पश्चिम बंगाल के लोग आप पर भरोसा नहीं करेंगे. ये है दिल्ली में दोस्ती और बंगाल में कुश्ती.’

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