अपनों की मौत पर उग्र प्रदर्शन करा सकता है जेल, क्या इस कानून से नाराज हैं आदिवासी?

राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से ऐन पहले कांग्रेस सरकार ने ‘राजस्थान मृतक शरीर के सम्मान का विधेयक’ लाकर खुद के लिए कुछ मुश्किलें खड़ी कर लीं हैं. सरकार (Gehlot Government) की मंशा भले ही डेड बॉडी के सम्मान की रही हो, लेकिन आदिवासी बहुल इलाकों (Tribal belt) में उसे विरोध झेलना पड़ सकता है. क्योंकि आदिवासी इस कानून (Law to honor dead bodies) को अपनी ‘मौताणा प्रथा’ के खिलाफ मान रहे हैं. प्रदेश में अब डेड बॉडी रखकर विरोध प्रदर्शन करने और समय पर अंतिम संस्कार नहीं करने वालों के खिलाफ 2 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. यहां तक कि परिजनों पर भी डेड बॉडी लेने से मना करने पर एक साल की सजा और जुर्माने का कानून पास हुआ है.

गहलोत सरकार की मंशा मृत शरीर के सम्मान की है. दरअसल, प्रदेश में आए दिन मृत शरीर को सड़क पर रखकर सरकार से सौदेबाजी की घटनाएं सामने आ रही हैं. संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के मुताबिक डेड बॉडी रखकर धरना प्रदर्शन करने और नौकरी-पैसों की मांग लगातार बढ़ रही हैं. पिछली राजे सरकार के दौरान डेड बॉडी लेकर विरोध प्रदर्शन की 82 घटनाएं हुईं. गहलोत सरकार के दौरान 2019 से अब तक 306 घटनाएं हो चुकी हैं. लोगों की यह प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है कि सात-आठ दिन डेड बॉडी को पटके रखो और नौकरी व पैसे की मांग के लिए सरकार पर दबाव बनाओ.

इस कानून का विरोध विधानसभा से लेकर आदिवासी इलाकों में अभी से शुरू हो गया है. आदिवासी जिलों के बीजेपी विधायकों ने इसको साफ तौर पर आदिवासी परम्परा पर कुठाराघात बताया. उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह सदियों से चली आ रही मौताणा प्रथा (मौत के बाद दूसरे पक्ष की ओर से मिलने वाला मुआवजा) है. आदिवासी क्षेत्रों में किसी की हादसे में मौत पर मौताणा का प्रावधान है, जिसमें फैसला होने तक डेड बॉडी को रखा जाता है. सरकार ने यह कानून लाकर आदिवासी कल्चर के खिलाफ काम किया है. लेकिन आदिवासी डरने वाले नहीं हैं. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इसमें सजा के प्रावधान बेहद कठोर हैं. कौन होगा जो अपने परिजन की मौत के बाद डेड बॉडी रखकर प्रदर्शन करना चाहेगा. जब भारी अन्याय होता है तभी मजबूरन ऐसा करना पड़ता है.

विधानसभा में पारित ‘राजस्थान मृतक शरीर के सम्मान का विधेयक’ में प्रावधान किया गया है कि मृतक के परिवार का सदस्य अगर डेड बॉडी का इस्तेमाल विरोध जताने के लिए करता है या किसी नेता या गैर-परिजन को ऐसा करने की अनुमति देता है तो उसे 2 साल तक की सजा हो सकती है. अगर कोई नेता या गैर-परिजन किसी डेड बॉडी का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन के लिए करेगा तो उसे 5 साल तक सजा का प्रावधान किया गया है. अगर परिजन डेड बॉडी लेने से मना करता है तो उसे 1 साल तक की सजा हो सकती है. अंतिम संस्कार में देरी तभी की जा सकेगी, जब मृतक के परिजन बाहर से आने वाले हों या पोस्टमॉर्टम करना अनिवार्य हो.

प्रदेश में उदयपुर, मारवाड़ और हाड़ौती संभाग की कई सीटों पर आदिवासियों का प्रभाव है. ऐसे में चुनाव से ऐन पहले यह कानून उन्हें नाराज कर सकता है. कांग्रेस थिंक टैंक के मुताबिक आदिवासी बहुत इलाकों में कानून को लेकर समझाइश की जाएगी. एससी-एसटी समुदाय कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक रहा है. यह अगल बात है कि तीन विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 59 एससी सीटें जीतीं हैं, जबकि कांग्रेस सिर्फ 37 सीटें ही जीत सकी. एसटी सीटों पर कांग्रेस की बढ़त है. लेकिन बीजेपी और बीटीपी इसमें कुछ सेंध लगा रही है. ऐसे में यह कानून चुनावों में मुद्दा बन सकता है.

संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के मुताबिक सरकार कानून नहीं लाती तो डेड बॉडी रखकर धरने के आंकड़े और बढ़ते जाते. उन्होंने विधानसभा में खुलासा किया कि नवंबर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने तीन दिन तक कलेक्टरों की मीटिंग ली थी. तब पूरा एक दिन डिस्कशन हुआ, जिसमें कई कलेक्टर इस बात के लिए बोले कि लावारिस लाशों के लिए कोई कानून बनाना चाहिए. डेड बॉडी रखकर लोग धरना-प्रदर्शन करते हैं. करोड़ों रुपये और नौकरी की मांग की जाती है. उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री ने आदेश दिए थे कि कानून बनाओ, लेकिन बीजेपी वाले सोते रहे और अब हम जरूरत के मुताबिक कानून लेकर आए हैं.

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
दौसा सीट पर पायलट और किरोड़ी की प्रतिष्ठा दांव पर, SC-ST वर्ग के मतदाता सर्वाधिक, दस साल से कांग्रेस का कब्जा | विधानसभा उपचुनाव में वसुंधरा-पायलट की भूमिका होगी अहम, बीजेपी-कांग्रेस के ये दिग्गज भी दिखाएंगे अपना दम! | करंट से युवक की मौत, मासूमों के सिर से उठा पिता का साया गम मे बदली दिवाली की खुशियां | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | गाजियाबाद में पड़ोसी ने युवती के साथ किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार | मदरसे में 7 साल के बच्चे की संदिग्ध हालत में मौत, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा | रक्षाबंधन पर भाई ने उजाड़ दिया बहन का सुहाग, दोस्त के साथ मिलकर की बहनोई की हत्या, आरोपी गिरफ्तार | गाजियाबाद में नामी स्कूल की शिक्षिका को प्रेम जाल में फंसा कर धर्मांतरण के लिए किया मजबूर, आरोपी गिरफ्तार | यूपी टी-20 प्रीमियर लीग के उद्घाटन समारोह के लिए सीएम योगी को मिला आमंत्रण |