जिला कलक्टर लोक बंधु एवं जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक मंगलवार को कलैक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। जिला कलक्टर एवं एसपी ने आगामी त्यौहारों, पर्वों एवं आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर साम्प्रदायिक सद्भाव व सामाजिक सौहार्द्ध एवं कानून व्यवस्था पर अधिकारियों एवं धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये।
जिला कलक्टर ने कहा कि भरतपुर में सभी आयोजन शांतिपूर्ण होते रहे हैं, सभी धर्म के लोग आपसी समन्वय करते हुए सौहार्द्धपूर्ण माहौल को बनाये रखें। उन्होंने कहा कि सभी रैली एवं जुलूसों के आयोजक व प्रतिनिधि यह ध्यान रखें कि किसी अन्य को इससे असुविधा न पहुंचे। उन्होंने कहा कि अपने परम्परागत रीतियों का अनुसरण करते हुए रैलियों व जुलूसों का आयोजन करें। उन्होंने कहा कि रैलियांे एवं जुलूसों का आयोजन प्रशासन व पुलिस से अनुमति लेकर नियमों की पालना करते हुए ही करें।बैठक में आगामी त्यौहार रक्षाबंधन, हरियाली तीज सहित मोहर्रम (ताजिया) जूलूस के अवसर पर आपसी सौहार्द्ध व शांति बनाये रखते हुए त्यौहारों को हर्ष व उल्लास से मनाने सम्बंधी चर्चा करते हुए शांति समिति के सदस्यों से सुझाव आमंत्रित किये गये। जिला कलक्टर ने प्राप्त सुझावों पर विचार कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा। शांति समिति के सदस्यों ने कहा कि जिले में शांति व सौहार्द्ध का वातावरण है एवं सभी लोग एक दूसरे के त्यौहारों में शामिल होते हैं।
बैठक में पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने कहा कि त्यौहारों के समय में असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाते हैं, ऐसे में धार्मिक संगठन के प्रतिनिधियों एवं आमजन से अपील है कि सजग होकर प्रशासन व पुलिस के कान, नाक व आंख बनें व असामाजिक तत्वों व संवेदनशील घटना की आशंका होने पर तुरन्त सूचित करें। उन्होंने कहा कि शांति समिति के सदस्य पुलिस प्रशासन व आमजन के मध्य सेतु का कार्य करते हैं। उन्होंने आमजन के मध्य खासकर युवा वर्ग के बीच सोशल मीडिया के बढ़ते चलन के मद्देनजर अधिक सक्रिय रहने को कहा साथ ही शांति समिति के सदस्यों को अपने क्षेत्र में सोशल मीडिया के जरिए एवं वाट्सअप ग्रुप बनाकर सकारात्मक खबरों के प्रचार-प्रसार एवं भ्रामक खबरों पर अंकुश लगाने व आमजन को जागरूक करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आमजन को पुलिस व प्रशासन के अच्छे कार्यों से अवगत करायें।
बैठक में शांति समिति के सदस्य श्रीचंद गौड ने कहा कि कामां, पहाडी, जुरहरा मेवात क्षेत्र होने के साथ ही हरियाणा एवं यूपी की सीमा से लगे होने के कारण अतिसंवेदनशील क्षेत्र माने गये हैं। इस क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पर्याप्त पुलिस जाप्ता तैनात करते हुए सीमाओं पर चौकी स्थापित कर निगरानी रखने को कहा। गुरू सिंह सभा के अध्यक्ष ने कहा कि धार्मिक पर्वों को आपसी सौहार्द्ध से मनाये जाने में धर्म गुरूओं की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। बिहारी जी के महंत रामभरोसी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भरतपुर जिले के प्रमुख कस्बो एवं शहरों में जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग के सहयोग से धर्मगुरूओं के निर्देशन में सद्भाव यात्रा का आयोजन कर क्षेत्र में शांति का संदेश समस्त सम्प्रदायों को दिया जाना चाहिये जिस पर जिला कलक्टर ने सद्भाव यात्रा के आयोजन के विचार की प्रशंसा करते हुए आवश्यक विचार करने का आश्वासन दिया। सदस्य डोरी लाल बघेल ने कहा कि धार्मिक आयोजनों में युवा पीढ़ी की भूमिका को सकारात्मक दिशा देकर उनको धार्मिक परम्पराओं के निर्वहन के सम्बंध में जागरूक करना होगा जिससे उनके जोश को भी नियंत्रित कर सही दिशा दे सकें।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर श्रीमती बीना महावर, नगर निगम आयुक्त सुभाष गोयल, तहसीलदार भरतपुर ताराचंद सैनी सहित जिला शांति समिति के सदस्य मौजूद रहे।
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