गुप्ता ने बताया कि नागौर जिले के नागौर व डेह तहसील में 14.71 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में सीमेंट ग्रेड लाईम स्टोन के बेहतर गुणवत्ता के एक मोटे अनुमान के अनुसार 481.7 मिलियन टन के डिपोजिट मिले हैं। उन्होंने बताया कि लाईम स्टोन ब्लॉकों की ई-नीलामी में बिग प्लेयर्स के साथ ही नए लोगों की भागीदारी भी तय करने के लिए 4.8 हैक्टेयर क्षेत्र के 18 ब्लॉकों के साथ ही करीब 500-500 हैक्टेयर क्षेत्रफल के तीन बड़े ब्लॉक बनाए गए है। उन्होंने बताया कि मेजर मिनरल्स के दूसरे चरण की नीलामी में लाईम स्टोन के 14 ब्लॉकों को शामिल किया गया है जिनमें दो बड़े ब्लॉकों के साथ ही 12 छोटे ब्लॉक शामिल है। उन्होंने बताया कि इससे क्षेत्र में वैध खनन, रोजगार और निवेश के नए द्वार खुलेंगे वहीं सीमेंट उद्योग को भी पर लगेंगे।
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि विभाग द्वारा नागौर के 14 लाईम स्टोन ब्लॉकों की ई नीलामी के लिए 21 जुलाई को निविदा सूचना जारी कर भारत सरकार के ई-पोर्टल व विभागीय वेबसाइट पर विस्तार से जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने बताया कि स्वस्थ्य व पारदर्शी व्यवस्था के तहत भारत सरकार के ई-पोर्टल के माध्यम से नीलामी की जा रही है। भारत सरकार के एमएसटीसी ई पोर्टल पर टेंडर डाक्यूमेंट सेल करने की अंतिम तिथि 7 अगस्त है। वहीं 25 अगस्त को दोपहर एक बजे तक इन ब्लॉकों की ई नीलामी में बोली लगाई जा सकेगी।
नायक ने बताया कि 1082 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 14 ब्लॉकों में हरीमा के पीएसबी 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,15, पिथासिया के पीएसबी 16 और हरीमा, पिथासिना, खेतोलाव, सरासनी, सोमणा का एचपीबी 19 व 20 ब्लॉक के एमएल की ई-नीलामी होगी। उन्होंने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार इन 14 ब्लॉकों के 1082 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 356 मिलियन टन लाईम स्टोन के डिपोजिट संभावित है। उन्होेंने बताया कि इन ब्लॉकों की सफल नीलामी से राज्य सरकार को 50 साल में 14 हजार करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त होगा।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरएसएमईटी एनपी सिंह ने बताया कि 14 ब्लॉकों की ई नीलामी में अधिक से अधिक भागीदारी तय करने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है ताकि प्रतिस्पर्धात्मक राजस्व प्राप्त हो सके।
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