जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष व जिला एवं सेशन न्यायाधीश धौलपुर सतीश चंद ने जिला कारागृह धौलपुर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने बंदियों को कारागृह में मिलने वाली सुविधाओं जैसे भोजन, नाश्ता, स्वच्छ पेयजल, चिकित्सीय सुविधाएं व रसोईघर, बैरक आदि की साफ-सफाई का जायजा लिया। वहीं कारागृह के बंदियों से रूबरू होकर उनके प्रकरणों से संबंधित जानकारी ली।
जिला न्यायाधीश सतीश चंद ने बंदियों को बताया कि यदि किसी विचाराधीन बंदी का उसके प्रकरण में पैरवी हेतु कोई अधिवक्ता नहीं है तो ऐसे बंदी जेल अधीक्षक को अथवा संबंधित न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने पर न्यायालय को अवगत कराएं। उनके माध्यम से नियमानुसार अधिवक्ता नियुक्ति हेतु विधिक सहायता का प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर को भिजवायें। जिससे ऐसे बंदीगण की ओर से पैरवी हेतु प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करवाया जा सके।
इसी प्रकार ऐसे सजा पाने वाले बंदी जिन्होंने सजा के खिलाफ अपील नहीं की है और वह अपील करना चाहता है तो ऐसे बंदी को विधि अनुसार अपील करने का पूर्ण अधिकार है। ऐसे बंदी को भी अपील हेतु विधिक सहायता के माध्यम से निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। बंदियों से संवाद करने पर 01 बंदी द्वारा सजा के खिलाफ अपील नहीं होना बताया। जिस पर जेल अधीक्षक को तुरन्त उक्त बंदी के दस्तावेजात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भिजवाने हेतु निर्देशित किया। इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुनीता मीणा, जिला न्यायालय के पीए मनोज वर्मा, प्राधिकरण के पीए विनीत गोयल, जेल अधीक्षक रामअवतार, हैड कांस्टेबल मनोज आदि मौजूद रहे।
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