पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद कहा है कि मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद राज्य सरकार बाढ़ से बचने की तैयारी करने में चूक गई. हालांकि बाढ़ प्रभावित लोहियां क्षेत्र के दौरे के दौरान उन्होंने आपदा स्थिति को संयुक्त रूप से संभालने के लिए सरकारी अधिकारियों, सेना, एनडीआरएफ टीमों और स्वयंसेवकों की प्रशंसा की और कहा कि ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद भी सरकार द्वारा समय पर कोई अग्रिम तैयारी नहीं की गई थी.
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि उस स्तर पर निश्चित रूप से चूक हुई है. उन्होंने कहा कि बाढ़ से बचने की तैयारी कम से कम एक महीने पहले होनी चाहिए थी. राज्यपाल ने गिद्दड़पिंडी और मंडला छाना गांवों का भी दौरा किया. उन्होंने कहा, ‘अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि अगले 15 दिनों में नुकसान का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाए. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके पास पर्याप्त धन हो. जैसे ही पटवारी ग्राउंड रिपोर्ट प्रस्तुत करें, प्रभावित लोगों को मुआवजा सौंप दिया जाना चाहिए.’ केंद्र से सहायता मांगने पर राज्यपाल ने कहा, ‘मैं पहले ही केंद्र को पत्र लिख चुका हूं. सर्वे रिपोर्ट आने पर दूसरा पत्र भेज दूंगा. हमें केंद्र से जो भी आवश्यक होगा वह मिलेगा.’
मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिए गए बयान पर कि 28 राज्यपालों, पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित 30 लोग देश चला रहे हैं, पुरोहित ने कहा, ‘मैंने कभी भी राज्य के प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप नहीं किया है. इसका एक भी उदाहरण मुझे कोई नहीं बता सकता. मैं सभी को चुनौती देता हूं. लेकिन मैं कभी भी संविधान का उल्लंघन नहीं होने दूंगा. अनुच्छेद 167 मुझे सवाल पूछने का अधिकार देता है और सरकार को मुझे जवाब देने के लिए बाध्य करता है.’ राज्यपाल द्वारा विधानसभा के विस्तारित सत्र को असंवैधानिक घोषित करने पर उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि यह बजट सत्र का विस्तार था. सरकार ने बजट पर तो कोई चर्चा नहीं की, लेकिन चार नए विधेयक पेश कर दिए. आदर्श रूप से इसे मानसून सत्र में ऐसा करना चाहिए था.’
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