मॉनसून सत्र के पहले बुलाई गई बीजेपी विधायक दल की बैठक में नए नेता का चयन नहीं हो पाया है. केंद्रीय पर्यवेक्षक अश्विनी चौबे ने करीब 4 घंटे चली बैठक में विधायकों के साथ रायशुमारी की. विधायकों ने उनके साथ हुई वन टू वन बातचीत में तीन-तीन नाम सुझाए. चौबे ने विधायकों से बातचीत की और पूरी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दी है. अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा नए नेता को लेकर फैसला लेंगे.
विधायकों के साथ इस बातचीत में मुख्य रूप से जेपी पटेल, विरंची नारायण, अमर बाउरी, अनंत ओझा और सीपी सिंह के नाम सामने आए. विधायकों की बैठक के बाद पर्यवेक्षक अश्विनी चौबे ने कहा कि उनकी पार्टी में सभी फैसले लोकतांत्रिक तरीके से होते हैं. अगले कुछ दिनों में नए नेता को लेकर फैसला हो जाएगा. सूत्रों की माने तो विधायकों का बहुमत किसी एक नाम के पक्ष में तैयार नहीं हुआ. लिहाजा सभी विधायकों को तीन-तीन नाम सुझाने का निर्देश दिया गया. अश्विनी चौबे ने बंद कमरे में विधायकों से वन टू वन बातचीत की.
आने वाले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी शीर्ष नेतृत्व विधायक दल के नेता की कमान ऐसे चेहरे को सौंपने के मूड में है, जिसका जनाधार बड़ा हो. वोटों की संख्या के आधार पर झारखंड में आदिवासी के बाद कुड़मी समुदाय का खास प्रभाव माना जाता है. इसीलिए बीजेपी, जेएमएम के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगाने की कवायद में जुटी हुई है. आदिवासी और कुड़मी जेएमएम का पारंपरिक वोट बैंक रहा है और इसी मजबूत जनाधार के बूते जेएमएम केंद्र और प्रदेश की राजनीति में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराता रहा है.
बता दें, जेपी पटेल कुड़मी समुदाय से आते हैं और उनके पिता टेक लाल महतो, जेएमएम के बड़े नेता थे. झारखंड के कुछ हिस्सों में इसका खास प्रभाव रहा है. दिल्ली में जेपी नड्डा से जेपी पटेल की मुलाक़ात के बाद उनका नाम तेजी से उभरा. लेकिन बैठक में उनके नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई. बीजेपी शीर्ष नेतृत्व विधायक दल के नेता के चयन में कोई जल्दीबाजी नहीं करना चाहती है. लिहाजा फैसले में कुछ दिन जरूर लग सकते है.
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