देशभर में महंगे टमाटरों (Tomato) पर जनता भले ही लाल हो, लेकिन राजनीति (Politics) खूब चमक रही है. इस बीच पीएम मोदी के बोलते ही राजस्थान की लाल डायरी (Lal Diary) का मुद्दा लाल टमाटरों पर भारी पड़ गया. सीएम गहलोत (CM Gehlot) ने सस्ते लाल सिलेंडर को लेकर पलटवार किया और कहा है ये सिलेंडर (Cylinder) ही बीजेपी को आने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Election) में लाल झंडी दिखाएंगे.
राजस्थान सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने जब से विधानसभा में लाल डायरी को लहराया है और दावा किया है कि इसमें कांग्रेस नेताओं के काले कारनामे दर्ज हैं, तभी से केंद्र से लेकर राज्य तक इसे लेकर सियासत गरमाई हुई है.
पीएम मोदी ने शेखावाटी में चुनावी सभा का शंखनाद करते हुए कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लूट की दुकान का नया प्रोडक्ट है- लाल डायरी. इसमें कांग्रेस सरकार के काले कारनामे दर्ज हैं. लोग कह रहे हैं कि लाल डायरी के पन्ने खुलते ही अच्छे-अच्छे निपट जाएंगे. यही वजह है कि कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं की इस लाल डायरी का नाम सुनते ही बोलती बंद हो रही है. ये लाल डायरी अगले चुनाव में पूरी कांग्रेस का डिब्बा गोल करने जा रही है.
पीएम के बयान पर पलटवार करते हुए सीएम गहलोत ने जयपुर में लाल डायरी को लाल टमाटर और लाल सिलेंडर से जोड़ दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि लल डायरी तो कपोल कल्पित है. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि पीएम को इसके बजाय लाल टमाटर और लाल सिलेंडर पर बोलना चाहिए था. केंद्र सरकार दोनों चीजें महंगी दे रही है, जबकि राजस्थान में गरीबों सिलेंडर सिर्फ पांच सौ रुपये में मिल रहा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता आगामी चुनाव में भाजपा को लाल झंडी दिखाने वाली है.
जहां तक लाल टमाटर की बात है इसके दाम राजस्थान सहित देशभर में आसमान को छू रहे हैं. इसका विरोध करने के लिए कांग्रेस नए-नए तरीके अपना रहे हैं. चंडीगढ़ में टमाटरों की माला पहनकर बारात निकाली तो आगरा में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता टमाटर खरीदने के लिए बैंक से लोन लेने ही पहुंच गए. भोपाल में कांग्रेसी हथियार लेकर टमाटर लेने पहुंचे और सुरक्षा के लिए उन्हें ब्रीफकेस में रखकर तंज कसा कि टमाटर लूट का खतरा बढ़ा है. इधर जयपुर की मुहाना मंडी से तो पहली बार 150 किलो टमाटर चोरी होने पर कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला.
दूसरी ओर राजधानी की समस्याओं का समाधान न होने से राजस्थान हाईकोर्ट भी सरकार और अफसरों पर ‘लाल’ है. हाईकोर्ट न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश प्रवीर भटनागर ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि जब सरकार काम न करे तो कोर्ट को ‘एक्शन’ में आना पड़ता है. कोर्ट ने कहा कि हम रोजाना मॉनिटरिंग नहीं कर सकते, यह अफसरों का काम है. हम सरकार के काम में हस्तक्षेप नहीं कर रहे, लेकिन जब सरकार काम न करे तो कोर्ट को दखल करना ही पड़ता है. कोर्ट ने राज्य सरकार को जयपुर शहर की समस्याओं के समाधान के लिए पूर्व में पेश 10 साल के विजन प्लान पर किए कार्य के बारे में चार सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.
काबिले जिक्र है कि पिछले दिनों राजेंद्र गुढ़ा ने झुंझुनू में सभा में सीएम गहलोत पर सीधा हमला बोलते हुए दावा किया कि जब आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के घर पर ईडी और इनकम टैक्स का छापा डला था, तब सीएम ने बुलाकर कहा था कि कुछ भी हो गुढ़ा, वहां से ‘लाल डायरी’ निकलाकर लाओ. गुढ़ा न सिर्फ वहां से डायरी निकाल लाए, बल्कि बर्खास्त होने के बाद अब उसको विधानसभा में भी लहरा दिया और आरोप लगाए कि इसमें कांग्रेस सरकार के काले कारनामे दर्ज हैं. गुढ़ा ने कहा कि यदि वो लाल डायरी नहीं निकालते तो सीएम गहलोत जेल में होते और आज राजस्थान का मुख्यमंत्री कोई और ही होता. बाद में बीजेपी सांसदों ने संसद भवन के बाहर लाल डायरी को लेकर प्रदर्शन किया और अब पीएम ने सीकर जनसभा में लाल डायरी का मुद्दा उठा दिया.
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