स्टेपल वीजा को लेकर भारत और चीन के बीच एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, भारतीय वुशु टीम चीन के चेंगदू में चल रहे यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा लेने जा रही थी. इस टीम में अरुणाचल प्रदेश की तीन खिलाड़ी भी शामिल थीं. चीन ने इन खिलाड़ियों को स्टेपल वीजा जारी किया, तो भारत सरकार ने अपनी खिलाड़ियों को चेंगदू भेजने से इनकार कर दिया. यही नहीं, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की वुशू टीम के बाकी सदस्य भी दिल्ली एयरपोर्ट से वापस लौट गए.
किसी भी देश में दूसरे देश के नागरिक को प्रवेश पाने के लिए वीजा लेना अनिवार्य होता है. इनमें टूरिस्ट, ट्रांजिट, एंट्री, बिजनेस, जर्नलिस्ट, पार्टनर और ऑन अराइवल वीजा शामिल हैं. इन सभी वीजा के लिए कायदे-कानून भी अलग होते हैं. वीजा पर लगाई गई स्टैम्प से स्पष्ट होता है कि कोई व्यक्ति किसी देश में क्यों आया है? जैसे टूरिस्ट वीजा का मतलब है कि व्यक्ति उस देश में घूमने के लिए पहुंचा है. वहीं, चीन स्टेपल वीजा भी जारी करता है. क्या आप जानते हैं कि स्टेपल वीजा क्या होता है, जिस पर बार-बार विवाद होता है? कोई देश नत्थी वीजा क्यों जारी करता है?
चीन की ओर से जारी किए जाने वाले स्टेपल वीजा में इमिग्रेशन ऑफिसर पासपोर्ट पर स्टैम्प लगाने के बजाय एक कागज या पर्ची नत्थी कर देता है. इमिग्रेशन ऑफिसर इस पर्ची पर लिखता है कि व्यक्ति चीन की यात्रा क्यों कर रहा है? चीन के अलावा ईरान, उत्तर कोरिया, क्यूबा और सीरिया भी स्टेपल वीजा जारी करते हैं. ये सभी देश चीन और वियतनाम के नागरिकों के लिए स्टेपल या नत्थी वीजा जारी करते थे. हालांकि, समझौते के बाद अब इसमें छूट दे दी गई है. अब ये देश चीन और वियतनाम के नागरिकों को स्टैम्प वीजा ही जारी करते हैं.
चीन के भारतीय नागरिकों को स्टेपल वीजा जारी करने के पीछे पुरानी वजह है. चीन अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लोगों को ही नत्थी वीजा जारी करता है. वहीं, भारत के बाकी राज्यों के नागरिकों के लिए सामान्य वीजा ही जारी किया जाता है. दरअसल, चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है. वहीं, तिब्बत पर चीन का अधिकार है. लिहाजा, चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानता है. लेकिन, अरुणाचल प्रदेश के लोगों को अपने देश का हिस्सा नहीं मानता है. ऐसे में राज्य के लोगों को स्टेपल वीजा जारी करता है.
अब सवाल ये उठता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए चीन स्टेपल वीजा क्यों जारी करता है? चीन के विदेश मंत्रालय ने कश्मीर के लोगों को कई बार संदेश दिया है कि भारत आपकी विदेश यात्राओं पर नजर रखता है. ऐसे में पासपोर्ट चेक करते ही पता चल जाएगा कि आपने कब चीन की यात्रा की.लिहाजा, चीन जम्म-कश्मीर के लोगों के पासपोर्ट पर स्टैम्प के बजाय स्टेपल वीजा जारी करता है. इस पर भारत के बार-बार आपत्ति जताने के बाद भी चीन ने अपनी कूटनीति नहीं बदली है.
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत बताकर अपना हिस्सा बताता है. इसीलिए चीन अरुणाचल प्रदेश में भारत के मंत्रियों के दौरों पर भी बार-बार आपत्ति जताता है. भारतीय दौरे पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 2014 में कहा था कि हम अरुणाचल प्रदेश के लोगों के लिए स्टेपल वीजा जारी करते हैं. इसका सीधा मतलब है कि हम सीमा मुद्दे पर अपने दावे से किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे. इसी नीति के तहत चीन ने अरुणाचल प्रदेश की वुशू प्लेयर्स नैयमन वांग्सू, ओनिलू तेगा और मेपुंग लामगू को स्टेपल चीजा जारी किया.
चीन स्टेपल वीजा वाले भारतीय नागरिक के देश लौटने पर पासपोर्ट में स्टेपल की गई पर्ची को फाड़ लेता है. साथ ही एंट्री और एग्जिट पास को भी फाड़ दिया जाता है. ऐसे में उस व्यक्ति की चीन यात्रा का उसके पासपोर्ट में कोई विवरण नहीं रह जाता है. भारत सरकार का मानना है कि यह सुरक्षा के मामले में बड़ी चुनौती है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चीन अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के किसी व्यक्ति के पासपोर्ट पर पर्ची नत्थी करने के बजाय स्टैम्प लगाता है तो इसका मतलब वह उस राज्य को भारत का हिस्सा स्वीकार करता है. चीन इसी स्थिति से बचने के लिए दोनों राज्यों के लोगों को स्टेपल वीजा जारी करता है.
भारत के लिए यह बड़ी चुनौती है कि एक पड़ोसी देश स्वतंत्र राष्ट्र के हिस्से पर अपना दावा करता है. वहीं, स्टेपल वीजा जारी करने वाला देश संबंधित देश के खिलाफ कभी भी बड़ी साजिश रच सकता है. कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के कई बार चीन जाने की जानकारी सामने आई, लेकिन स्टेपल वीजा के कारण इसका कोई सुबूत भारत सरकार को नहीं मिल पाया. चीन 2009 से जम्मू-कश्मीर के लोगों को स्टेपल वीजा जारी कर रहा है. माना जा सकता है कि चीन ने भारत के खिलाफ साजिश रचने के लिए ही अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए स्टेपल वीजा जारी करना शुरू किया है. ये चीन की भारत के खिलाफ साजिश रचने वालों को अपने देश बुलाने का न्योता माना जा कसता है. लिहाजा, भारत सरकार हर बार स्टेपल वीजा जारी करने का विरोध करती है.
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