भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज यौन शोषण के मामले में दाखिल चार्जशीट पर शुक्रवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई.
बृजभूषण के वकील ने कहा कि चार्जशीट काफी ज्यादा पन्नों की है और इसीलिए उसे पढ़ने के लिए समय चाहिए. वहीं, सुनवाई के दौरान बृजभूषण कोर्ट में पेश नहीं हुए. उनके वकील ने कहा कि भाजपा नेता संसदीय काम से बाहर गए हैं, उनकी पेशी से छूट के लिए अर्जी दी गई है.
मामले की अगली सुनवाई में 3 अगस्त को होगी. भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह पर 6 महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. भाजपा सांसद के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 15 जून को चार्जशीट दाखिल की थी.
दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद के खिलाफ 15 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना), 354ए(यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक भयादोहन) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया था.
वर्तमान मामले के अलावा, एक नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों के मद्देनजर सिंह के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जो यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत थी. वह उन सात महिला पहलवानों में शामिल थी जिन्होंने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
दोनों प्राथमिकी में, एक दशक से अधिक समय में अलग-अलग समय और स्थानों पर सिंह द्वारा अनुचित स्पर्श, छेड़छाड़, पीछा करना और धमकी जैसे यौन उत्पीड़न की कई कथित घटनाओं का उल्लेख किया गया है. नाबालिग पहलवान के पिता ने बाद में दावा किया था कि सांसद के खिलाफ उसके द्वारा लगाए गए आरोप ‘झूठे’ थे और उनका इरादा लड़की के साथ कथित अन्याय को लेकर उनसे हिसाब बराबर करना था.
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