कर्नाटक के उडुपी शहर स्थित एक ‘पैरामेडिकल कॉलेज’ के शौचालय में एक छात्रा का कथित वीडियो रिकॉर्ड करने के मामले में शुक्रवार को संस्थान की तीन आरोपी छात्राओं को स्थानीय अदालत से अग्रिम जमानत मिल गई है. उडुपी के मालपे पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में तीन छात्राओं शभनाज, अल्फिया और अलीमा को नामजद किया गया है. भारतीय दंड संहिता की धारा-509, 204, 175, 34 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(ई) के तहत दर्ज प्राथमिकी में कॉलेज प्रशासन को भी आरोपी बनाया गया है.
पुलिस ने बीते 26 जुलाई को बयान जारी कर कहा था कि ‘नेत्र ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ अलायड हेल्थ साइंसेज’ के शौचालय में वीडियो रिकॉर्ड करने के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. उसने बताया कि छात्रा का निजी वीडियो रिकॉर्ड करने और बाद में उसे डिलीट करने के मामले में तीन छात्राओं और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पुलिस ने उनपर घटना से जुड़ी जानकारी और सबूत मुहैया कराने में असफल रहने का मामला दर्ज किया है जिसकी वजह से पीड़िता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच सकता है. बयान के मुताबिक घटना के वीडियो में छेड़छाड़ कर कथित तौर पर इसे ‘वन इंडिया कन्नड’ यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया. कालू सिंह चव्हाण नामक व्यक्ति ने भी उक्त वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया. आरोपियों के खिलाफ सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करने और सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने का मामला भी दर्ज किया गया है.
आरोपी तीनों छात्राओं को कॉलेज प्रशासन ने निलंबित कर दिया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. राज्य की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिंदू लड़की का वीडियो बनाने की आरोपी तीन मुस्लिम छात्राओं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर राज्यव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की थी.
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