उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में फंसे उमर अंसारी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को हटाने और गैर जमानती वारंट को रद्द करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है और हम भी नहीं देंगे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राहत पाने के लिए निचली अदलतों में जाने को कहा है.
दरअसल, पूरा मामला 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा है. जब उमर अंसारी के बड़े भाई अब्बास अंसारी सपा गठबंधन की तरफ से सुभासपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे. इस दौरान एक चुनावी जनसभा में मुख़्तार अंसारी के बेटों के द्वारा आपत्तिजनक भाषण देने का वीडियो वायरल हुआ था. इस मामले में उमर अंसारी को भी आरोपी बनाया गया है और उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी है. जिसके बाद उमर अंसारी ने राहत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन उनकी याचिका खारिज हो गई. जिसके बाद उमर अंसारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जहां से भी राहत नहीं मिली है.
उमर अंसारी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि आपत्तिजनक भाषण उन्होंने नही दिया था, वे सिर्फ स्टेज पर बैठे थे, जहां पर भाषण दिया गया था. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली और हम भी कोई राहत नहीं देंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उमर अंसारी से कहा कि आप निचली अदालत मे जाकर नियम के मुताबिक राहत मांग सकते हैं.
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