नीतीश कुमार ने राजस्व भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता के द्वारा किए गए ट्रांसफर पोस्टिंग पर रोक लगा दी, जिसके बाद से ही बिहार की सियासत गर्मा गई है. नीतीश कुमार के इस कदम के राजनीतिक अर्थ खोजे जा रहे हैं. लेकिन, आलोक मेहता के फैसले पर रोक लगाने के बहाने RLJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर कुछ खास जाति के नेताओ को टार्गेट करने का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार से सवाल पूछा है.
उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये नीतीश कुमार पर खास जाति को टारगेट करने का आरोप लगाया है. दरअसल उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने पोस्ट में मेहता और मंडल का जिक्र किया है. इसमें मेहता यानि आलोक मेहता हैं जो कुशवाहा समाज से आते हैं. वहीं मंडल पूर्व राजस्व भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल के लिए है, जो पूर्व राजस्व भूमि सुधार मंत्री रह चुके है. नीतीश कुमार इन दोनों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर रोक लगा चुके हैं, जिसके बहाने उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है.
”आदरणीय भाई साहब,
वाह क्या करिश्मा है. राजस्व विभाग के स्थानान्तरण आदेश को रद्द कर वाह-वाही लूट ली. आपने कोयला पर सफेदी डाल कर पूरे ढ़ेर को उजला दिखाने की अद्भुत कला है आपमें. लेकिन अब मुगालते में मत रहिए, आपके हर ट्रिक से अवगत हो चुकें हैं बिहार के लोग. सच तो यह है कि जहां एक ओर राजद के राजकुमार से उनके उपर लगे गंभीर आरोपों को “पब्लिक डोमेन में जाकर एक्सप्लेन” करने का आदेश जारी करने की क्षमता खो चुके हैं आप. वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार से “नो कम्प्रोमाइज” की अपनी छवि को बचाने की घनघोर चिंता भी है. आखिर परसेप्शन जो बिगड़ रहा है। इसलिए गुड़ खाना है मगर गुलगुले से परहेज़ भी दिखाना है। चलिए, राजद से हुई डील का भी तो ख्याल रखना है. लेकिन आपके उपर आपको मोतियाबिंद होने का आरोप तो लगेगा ही. क्योंकि आपके अगल-बगल “गेंन्दरा ओढ़ कर घी पीने” वाले गुरु घंटालों तक आपकी दृष्टि पहुंचतीं ही नहीं है. आखिर पहुंचे भी तो कैसे, टारगेट जो हार्ड है. बैक फायर करने का भी तो खतरा है. आंखें बंद कर लीजिए सर, मगर कान खोलकर सुन लीजिए – ये पब्लिक है सब जानती है. “राजकुमार – गुरु घंटालों पर रहम,मेहता-मंडल (शाॉफ्ट टारगेट) पर सितम।”शाॅफ्ट टारगेट अर्थात बैक फायर का ज़ीरो खतरा/पता नहीं – ये मेहता-मंडल लोग बैक फायर करना कब सीखेंगे.”
वहीं उपेन्द्र कुशवाहा के आरोप पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि नीतीश कुमार ना तो जाति की राजनीति करते हैं और ना ही धर्म की. वह तो समाज के हर वर्ग के लिए काम करते हैं. क्या उपेन्द्र कुशवाहा जी को रामसूरत राय के तबादले रोकने की जानकारी नहीं है क्या? जरा अपना मेमोरी की जांच करवा लें.
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