मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर तहसील में एक आदिवासी नाबालिग बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया. पीड़िता को दूसरे दिन पास के जंगल से बरामद किया गया. उसकी हालत बेहद गंभीर थी. पीड़िता को जिला अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए गैंगरेप पीड़िता को रीवा मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया. फिलहाल उसे आईसीयू में रखा गया है और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है. उसकी अवस्था को देखते हुए अब नाबालिग रेप पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाने की तैयारी है, ताकि उसे बेहतर से इलाज मुहैया कराया जा सके. बता दें कि मैहर शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के दो कर्मचारियों पर गैंगरेप की जघन्य घटना को अंजाम देने का आरोप लगा है. दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, मंदिर समिति ने दोनों की सेवा भी समाप्त कर दी है.
बता दें कि 12 साल की बच्ची गुरुवार को घर के बाहर खेल रही थी, जब वह अचानक से लापता हो गई. काफी खोजबीन के बाद भी वह नहीं मिली थी. गुरुवार को पास के ही जंगल से उसे बरामद किया गया था. उसकी हालत काफी गंभीर थी. बच्ची को आनन-फानन में स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था. जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने भी बच्ची की हालत को देखते हुए रीवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर कर दिया था. बच्ची का फिलहाल आईसीयू में इलाज चल रहा है. उसकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई है.
इस बीच, मैहर गैंगरेप कांड के आरोपियों में से एक अतुल बड़ोदिया की पत्नी सामने आई हैं. उन्होंने अपने पति को निर्दोष बताया है. उन्होंने कहा कि जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन उनके पति उनके साथ घर पर मौजूद थे. उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच कराने की मांग की है. वहीं, अतुल के परिजनों ने घर को बुलडोजर से ढहाए जाने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि अतुल को साजिश के तहत फंसाया गया है. बता दें कि घटना में संलिप्तता आने के बाद मैहर मां शरदा मंदिर प्रबंध समिति ने अतुल और रवि को सेवा से बर्खास्त कर दिया है.
गैंगरेप के आरोपियों को स्थानीय पुलिस ने चौकसी दिखाते हुए तुरंत गिरफ्तार कर लिया. उसके बाद से ही मैहर मंदिर समिति के दोनों कर्मचारियों अतुल बड़ोदिया और रवि चौधरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है. परिजनों ने दोनों को फांसी देने की मांग की है. इस बीच, दोनों अपराधियों द्वारा अपराध स्वीकार किए जाने के बाद शनिवार को स्थानीय प्रशासन की टीम ने कड़ी सुरक्षा के बीच उनके घरों को जमींदोज कर दिया. इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़े शब्दों में इस घटना की निंदा करते हुए आरोपियों का न बख्शने की बात कही थी.
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