कटिहार गोलीकांड को लेकर भकपा माले खुलकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन के दावों पर सवाल उठाया है. भाकपा माले विधायक सुदामा प्रसाद और महानंद प्रसाद ने कटिहार गोलीकांड पर जिला प्रशासन के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है. भाकपा माले ने कहा कि घटना के बाद जिला प्रशासन पुलिस फायरिंग से इनकार कर रहा है. यह बिलकुल ही थोथी दलील है. सिर्फ मनगढ़ंत कहानी बनाई जा रही है.
भाकपा माले विधायक ने सुदामा प्रसाद और महानंद प्रसाद ने कहा कि ऐसा आशंका है कि स्थानीय प्रशासन पोस्टमार्टम रिपोर्ट को बदल सकता है. इसलिए हमलोगों की मांग है कि कटिहार गोलीकांड की न्यायिक जांच कराई जाए. अगर दोषी लोग ही इस मामले में जांच करेंगे तो परिणाम क्या आयेगा? हम इस मामले में राज्य सरकार से स्थानीय प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं. दोनों विधायकों ने कहा कि वीडियो फुटेज से यह स्पष्ट नहीं है कि गोली भीड़ से चली है. दरअसल पुलिस ने ही फायरिंग की है.
भकपा माले के आलवा सरकार में शामिल कांग्रेस ने भी कटिहार गोलीकांड के लिए जिला प्रशासन को दोषी ठहराया था. कांग्रेस विधायक दल के नेता ने कहा था कि इस तरह के हालात पर नियंत्रण के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज की बाजाय में सीधे गोली मारना प्रशासनिक लापरवाही है. शकील अहमद खान ने कहा कि इस घटना की जांच के बाद दोषियों के बारे में जानकारी साफ तौर पर सामने आ जाएगी. बिहार कांग्रेस कटिहार पुलिस गोलीकांड की घटना से काफी नाराज है.
बता दें, के कटिहार जिले में बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हुई, इसी दौरान गोली लगने से 2 लोगों की मौत हो गयी थी. बिहार पुलिस के मुताबिक, उत्तेजित भीड़ ने बिजली विभाग के दफ्तर पर पथराव और तोड़फोड़ की. वहीं स्थानीय प्रशासन दावा कर रही है कि पुलिस की गोली से मौत नहीं हुई है. लेकिन, प्रशासन के इस दावे पर सरकार में शामिल लोग ही सवाल उठा रहे हैं.
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