कोटा रेंज के आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा ने बुधवार को रेंज के 29 सीआई के तबादले किए हैं। जिसमें बूंदी जिला मुख्यालय के कोतवाली थाने में तैनात दबंग और कुशल व्यवहार के धनी सीआई सहदेव सिंह का बूंदी से बारां तबादला किया गया है, उनके तबादले से बूंदी शहर के विभिन्न वर्गों में मायूसी का आलम है। बूंदी सिटी कोतवाली थाने का इंचार्ज बने रहना कोई सहज काम नहीं है, लेकिन इस काम को पूरे 2 वर्ष कोतवाल सहदेव सिंह ने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाते हुए शहर में कानून का राज कायम रखा जिसके चलते अपराधियों में खौफ और आमजन में विश्वास बढ़ा है। इसके पीछे जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव के मोटिवेशन का भी बड़ा योगदान है वैसे तो शहर के कोतवाली थाने में कई सीआई रहना नहीं चाहते, क्योंकि यहां कानून व्यवस्था, ट्राफिक व्यवस्था के साथ मुख्यालय पर आने वाले वीआईपी, उच्च अधिकारी, जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। जिस जिम्मेदारी को भी सहदेव सिंह ने बड़ी खूबी निभाते अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों में भी अपना विश्वास कायम रखा। यही कारण है कि सहदेव सिंह ने बिना किसी विवाद, आरोपो के बैदाग़ रूप से 2 साल कार्य किया। उन्होने अपनी निष्पक्ष, सादगी, बहादुरी, मृदु भाषा और ईमानदारी से लोगों के दिल जीता। जरूरत पड़ने अपराधियों के लिए सिंघम जैसे रोल में आने से भी पीछे नहीं हटे। पुलिस मुख्यालय से मिलने वाले आदेश समेत एसपी जय यादव के प्रदेश में चर्चित रहे ऑपरेशन समानता, ऑपरेशन शिकंजा, मिशन बचपन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर बूंदी कोतवाल के रूप में लोगों के लिए कोहिनूर साबित हुए।
लोगों का उनके प्रति उमड़ रहा ये स्नेह ही कोतवाली सीआई मीणा की असली पूंजी है। तभी तो 2007 से अब तक कोई भी कोतवाल दो साल कोतवाली में पूरा नहीं कर पाए है और अभी भी ये विधान सभा चुनावों की वजह से सरकार की गाइड लाइन के आधार पर जिले से बाहर जा रहे है। प्रबुद्ध जनों का कहना है सहदेव मीणा जैसे सीआई बड़ी मुश्किल से मिलते हैं। सामाजिक सरोकार व जरूरतमंद लोगों की मदद में भी रहे सीआई सहदैव मीणा अग्रणी रहे है। मीडियकर्मियों से भी उनके मधुर संबंध है। कभी पुलिस के प्रति कोई नेगेटिव न्यूज भी निकलती तो उसे चेलेंज के रूप में लेकर समस्या का समाधान कर उसे पॉजिटिव बना देते थे।
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