चंद्रयान 3 मिशन अपनी नियोजित अन्वेषण अवधि के समापन के करीब पहुंच रहा है, जो पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर एक चंद्र दिवस तक फैला है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब चंद्रमा की रात नजदीक आने पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के लिए ‘स्लीप मोड’ ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है. जिसके दौरान तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरने की उम्मीद है.
शनिवार को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख एस सोमनाथ (S Somanath) ने इसकी घोषणा की. सोमनाथ ने कहा कि लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ अब भी काम कर रहे हैं और ‘हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है.’ उन्होंने कहा कि ‘अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है.’
इसरो प्रमुख ने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण होने के बाद मिशन नियंत्रण केन्द्र से अपने संबोधन में यह जानकारी दी. इसरो ने चंद्र अन्वेषण मिशन के हिस्से के रूप में प्रज्ञान रोवर द्वारा अपनाए गए रास्ते की एक तस्वीर शेयर की. यह कुल यात्रा दूरी 101.4 मीटर दर्शाता है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रेरित, भारत ने अंतरिक्ष प्रक्षेपणों का निजीकरण कर दिया है और इस क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए खोलना चाहता है. क्योंकि इसका लक्ष्य अगले दशक के भीतर वैश्विक प्रक्षेपण बाजार में अपनी हिस्सेदारी में पांच गुना वृद्धि करना है. वहीं आज सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित मिशन, आदित्य एल1 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र SHAR से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) रॉकेट पर रवाना हुआ.
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