दौसा के रामकरण जोशी जिला चिकित्सालय मैं मोबाइल चोर हुये सक्रीय हो गये हैं। आये दिन मौका पाकर भर्ती मरीजों के परिजनों के मोबाइल पर चोर हाथ साफ कर रहे है। जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के वार्ड पीएनसी 33 का है। जहां बीती रात करीब 2:00 बजे बेड नंबर 10 पर प्रसूता ज्योति पत्नी महेंद्र सैनी निवासी छोकरवाड़ा भर्ती है। जहां उससे मिलने के लिए उसका भाई आया हुआ था रात मोबाइल चार्ज करके प्रसूता के बीएड के पास अपने बैग में रख दिया। जब सुबह उठकर मोबाइल संभाल तो प्रसूता के बेड के पास रख बैग में मोबाइल नहीं मिला। आसपास पूछने पर भी नहीं मिलने पर उसने गार्ड से पूछा तो जवाब मिला मोबाइल खो गया तो मेरी क्या जिम्मेदारी है। इससे आहत होकर अस्पताल प्रशासन के पास भी गया। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने भी उसकी कोई मदद नहीं की। इस पर प्रसूता ज्योति का भाई कमलेश सैनी ने कोतवाली थाने में मोबाइल चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई। लेकिन यह पहली घटना नहीं है जो जिला अस्पताल में मोबाइल चोरी नहीं हुआ हो। इससे पूर्व भी कई बार मरीज के परिजनों के मोबाइल चोरी हो चुके हैं यहां तक की अस्पताल के कई पंख ट्यूबलाइट भी चोरी हो चुके हैं। लेकिन उनका आज तक किसी भी मामले को लेकर खुलासा नहीं कर पाया है। जबकि अस्पताल में गार्ड की लंबी फौज लगी हुई है ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा और उनके नवजात शिशु की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में कई अस्पतालों में नवजात शिशुओं की चोरी के भी कई मामले सामने आए हैं उसके बावजूद भी जिला अस्पताल इस और ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं मरीजों के परिजनों का कहना है कि इतना बड़ा जिला अस्पताल है लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं उसके बावजूद भी सुरक्षा के नाम पर जीरो व्यवस्था है। पीड़ित कमलेश सैनी निवासी भांडारेज ने बताया कि करीब 16 से 18000 रुपए का मेरा मोबाइल वीवो कंपनी का है जो मैंने रात को चार्ज करके बैग में रख दिया था। सुबह उठा तो मोबाइल नहीं मिला। ऐसे में अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था संदेश के घेरे में है वार्ड में कई नवजात शिशु भी रहते हैं अगर कभी कोई बड़ा हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा। जबकि जिला अस्पताल में गार्ड की लंबी फौज लगा रखी है जिस पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं उसके बावजूद भी मरीज एवं मरीज के परिजनों की सुरक्षा राम भरोसे है।
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