प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में हो रहे G20 सम्मेलन को संबोधित करते हुए सबसे पहले स्वागत भाषण दिया. पीएम मोदी ने अपने भाषण में देश को भरोसे का मंत्र देते हुए, भारत की अध्यक्षता में ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ का जिक्र किया. आइए जानते हैं क्या थी उनके भाषण की खास बातें …
प्रधानमंत्री मोदी ने मोरक्को में भीषण भूकंप से हुई तबाही पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरी दुनिया मोरक्को के साथ है और भारत हर संभव मदद के लिए तैयार है.
कोविड के बाद दुनिया भरोसे की कमी से जूझ रही है, और युद्ध ने इस कमी को और गहरा कर दिया है.
उन्होंने कहा कि हम ऐसे वक्त में रह रहे हैं जब अभी तक सदियों पुराने दिक्कतों के जवाब तलाशे जा रहे हैं. ऐसे में मानव-केंद्रित रास्ते पर चलकर हमारी जिम्मेदारियों को पूरा करने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की G20 अध्यक्षता देश के अंदर और बाहर ‘सबका साथ’ समावेशन का प्रतीक बन गई है. भारत में यह जनता का G20 बन चुका है, करीब 60 से ज्यादा शहरों में 200 से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित हुए.
‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का विचार दुनिया के लिए मार्गदर्शक हो सकता है.
अगर हम कोविड को हरा सकते हैं तो युद्ध की वजह से जो भरोसे में कमी आई है हम उस पर भी जीत हासिल कर सकते हैं.
G20 अध्यक्ष के तौर पर, भारत पूरी दुनिया से एक-दूसरे के प्रति भरोसे की कमी को भरोसे में बदलने की अपील करता है.
वक्त आ गया है कि विश्व की भलाई के लिए हम साथ मिलकर चलें.
भारत ने अफ्रीकी संघ (एयू) को स्थायी जी20 सदस्य बनाने की पेशकश की है, मुझे विश्वास है कि सभी सदस्य इस प्रस्ताव से सहमत होंगे.
शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच पीएम मोदी ने कहा, ‘आप सभी के समर्थन से, मैं अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं.’
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