भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब के दो बार पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात से इनकार किया और इसे ‘निराधार अफवाह’ करार दिया. कैप्टन ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो दावे चल रहे हैं वे ‘निराधार’ हैं और उनमें जरा सी भी सच्चाई नहीं है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रति प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘मैंने हमेशा के लिए अपना मन बना लिया है और हमेशा भाजपा के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा. ऐसे चरण में, आप पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘यह मेरे जीवन का सिद्धांत है कि एक निर्णय एक बार लिया गया तो कभी वापस नहीं लिया जा सकता.’
मालूम हो कि अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी और अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बनाई, जिसका बाद में भाजपा में विलय हो गया. कैप्टन अमरिंदर ने राज्य कांग्रेस इकाई के साथ लंबे समय तक अनसुलझे विवादों के बाद साल 2021 में पीएलसी को लॉन्च किया था. उनकी पार्टी ने साल 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन राज्य में कोई भी सीट नहीं जीत पाई थी.
इस बीच, पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ भारत गठबंधन के गठन के बाद राज्य कांग्रेस के भीतर तनाव है. गठबंधन के तहत विपक्षी दल केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबला करने के लिए AAP के साथ मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं. हालांकि पंजाब कांग्रेस के कुछ नेता राज्य में AAP के साथ सहयोग से थक गए हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने X पर पोस्ट में कहा था, ‘राज्य के नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में AAP के साथ गठबंधन करने के इच्छुक नहीं हैं.’
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