राजस्थान पशु चिकित्सक संघ शाखा जिला बूंदी द्वारा विभिन्न मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के नाम से जिला कलेक्टर को सोपा ज्ञापन!11 सूत्रीय मांगी के क्रम में वेटनरी डॉक्टर्स एसोसिएशन राजस्थान के बैनरतले पशु चिकित्सको ने दिनांक 17 दिसम्बर 2022 से आमरण अनशन आरम्भ किया था । आमरण अनशन के दौरान 10 पशु चिकित्सक एसएमएस अस्पताल जयपुर मे भर्ती हुए। 40 दिवस तक चले अनशन को मंत्री पशुपालन विभाग श्रीमान लालचन्द कटारिया जी द्वारा दिनांक 26 जनवरी 2023 को अनशनरत पशु चिकित्सको को जूस पिलाकर समाप्त करवारया गया था। कटारियाजीने धरना स्थल पर गीडिया को सम्बोधित करते हुये पशु चिकित्सको की सभी मांगों का न्यायोचित स्वीकारते हुये शीघ्र समाधान हेतु आश्वासन दिया था। गांगो के क्रम में एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से वित्तीय विभाग से निरन्तर वार्ता हुई। अनेक दौर की वार्ता उपरान्त वित्तीय विभाग द्वारा नॉनप्रेक्टिस अलाउन्स NPA पर सहमति दर्शाते हुय कामधेनु पशु बीमा योजना शुभाम्भ तक NPA की स्वीकृति जारी करने हेतु ठोस आश्वासन दिया गया था । 6 सितम्बर 2023 को मुख्यंत्रमंत्री जी द्वारा 750 करोड रूपये की कामधेन पशु बीमा योजना का शुभाम्भ कर पशु पालको को एक नई सौगात दी गई है। किन्तु दुर्भाग्य है कि मिशन गोड पर कार्यकर योजना को सफल करने वाले पशु चिकित्सको को वित्तीय विभाग के कमिटमेंट के बावजूद कुछ भी प्राप्त नही हुआ है।
पशु चिकित्सक वर्षों से नॉन प्रेक्टिस अलाउन्स NPA की मांग निम्नलिखित तथ्यों के आधार पर कर रहे है। योग्यता एवं कार्य प्रकार के आधार पर पांचवा, छटवां एवं सातंवा केन्द्रीय वेतन आयोग की NPA हेतु स्पष्ट सिफारिशं ।
केन्द्र शासित राज्यों समेत 17 अन्य भारतीय राज्यों में पशु चिकित्सो को NPA दिया जा रहा है। माननीय दिल्ली हाईकोर्ट तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पश चिकित्सको की मानव चिकित्साको के समकक्ष वेतन व भत्तो हेतु PARITY (रामकक्षता) स्थापित की गई है।
पशु चिकित्सकों के अथक प्रयासो से राज्य आज दुग्ध उत्पादन मे देश मे प्रथम स्थान पर है। राज्य की जीडीपी में पशुपालन व्यवसाय का 12 प्रतिशत योगदान है। लम्पी के दौरान पशुचिकित्सको ने दिन-रात काम कर राज्य को लम्पी मुक्त किया तथा 1 करोड 7 लाख पशुओ को लम्पी टीकाकरण किया गया है । मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना अन्तर्गत 138- प्रकार की दवाईयां व उपचार निःशुल्क कर दिया गया है जिस कारण निजी प्रेक्टिस संभव नही है । पशु चिकित्सा, सर्जरी, कृत्रिम गर्भाधान, बांझपन निवारण शिविर आयोजन, टीकारण के साथ असंख्य योजनाओ का लाभ स्वयं के वाहनो से पशुपालको को द्वार (Door Step) तक देने के साथ पशु चिकित्सक एक अन्य • विभाग गौपालन के सम्पूर्ण दायित्व निभा रहे है। उल्लेखनीय है कि गौपालन विभाग के निदेशक एवं मंत्री, पशुपालन विभाग से अलग है।राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना अन्तर्गत 80 लाख पशुओ का पशु पालक के द्वार तक जाकर निःशुल्क बीमा करने हेतु 750 करोड रूपये का प्रावधान रखा गया है। उल्लेखनीय है कि महंगाई राहत कैम्प में 1.10 करोड पशुपालको को पशु बीमा गांरटी कार्ड वितरित किये गये हैं सरकार की हठधर्मिता के कारण अब यह योजना राज्य के पशुपालको के साथ छलावा सिद्ध होने वाली है। बिना NPA स्वीकृत किये पशु चिकित्सको द्वारा कामधेनु पशु बीमा योजना की क्रियान्विति सम्भव नही है, जिसकी सूचना एसोसिएशनल द्वारा दिनांक 15 जून 2023 को माननीय मुख्यमंत्री एव मंत्री पशुपालन विभाग को दे दी गई थी। कामधेनु पशु बीमा योजना के शुभाम्भ पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सभी पशु चिकित्सको को विशेष परियोजना भत्ता (रु.5000 प्रतिमाह ) की घोषणा का समस्त पशुचिकित्सक पुरे जोर विरोध दर्ज करवाते हुयं अस्वीकार करते है। पशु पालन मंत्री व वित्त विभाग के कमिटमेटन्टके बावजूद NPA की घोषणा नही . करने की परिणामस्वरूप प्रदेश के सभी पशु चिकित्सको द्वारा कामधेनु बीमा योजना एवं गौपालन विभाग के समस्त कार्यों का राज्यव्यापी बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है । संघ / एसोसिएशन का आग्रह है कि पशुचिकित्सको का तत्काल प्रभाव से NPA स्वीकृत कर कामधेनु पशु बीमा योजना को मिशन मोड पर सम्पन्न करावे ।
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