गुप्ता ने निर्वाचन विभाग के नवाचारों का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार 50 फीसदी से ज्यादा मतदान केन्द्रों पर लाइव वेबकास्टिंग होनी है। मतदाताओं को नाम जुड़वाने, संशोधन आदि के ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने के साथ ही निर्वाचन से संबंधित जानकारियां एसएमएस के माध्यम से प्रदान की जा रही है। इस दौरान उन्होंने ई-ईपिक डाउनलोड करने की जानकारी भी दी तथा वोटर हेल्पलाइन एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की अपील भी की।
कार्य़शाला को संबोधित करते हुए गुप्ता ने कहा कि राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को व्यय अनुवीक्षण, एमसीएमसी, पैड न्यूज, फेक न्यूज, निर्वाचक सूची तथा होम वोटिंग के साथ ही आईटी एप्स जैसे सुविधा एप, सी-विजिल एप, केवाईसी एप, वोटर हैल्प लाइन एप, सक्षम एप, आदर्श आचार संहिता, स्वीप और शिकायत निवारण पोर्टल से संबंधित विभिन्न नवाचारों के बारे में नवीनतम जानकारी होनी चाहिए।
गुप्ता ने कहा कि चुनाव से पहले बहुत से लोग ये जानना चाहते हैं कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं। ऐसे में बार कोड, क्यू आर कोड, नाम या पिता का नाम तथा वोटर क्रमांक के जरिए हम वोटर लिस्ट में नाम पता कर सकते हैं। गुप्ता ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया कि निर्वाचक सूची में नाम जुड़वाने के लिए नामांकन के अंतिम दिन से 10 दिवस पूर्व तक आवेदन किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता और व्यय अऩुवीक्षण को लेकर सी-विजिल एप पर ऑनलाइन शिकायत वीडियो, ऑडियो या फोटो के जरिए की जा सकती है। वहीं केवाईसी एप के जरिए उम्मीदवार की समस्त जानकारी जिसमें मुख्यतः आपराधिक पृष्टभूमि ऑनलाइन ली जा सकती है। सुविधा एप के जरिए उम्मीदवार रैली, सभा, वाहन आदि की अऩुमति ले सकता है। साथ ही कार्यशाला में प्रसार भारती पर प्रसारण के लिए ऑनलाइन टाइम वाउचर लेने के बारे में भी जानकारी दी गयी।
कार्यशाला में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के 38 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान निर्वाचन विभाग की ओर से विभिन्न प्रभारी अधिकारियों ने अलग-अलग विषयों पर प्रजेंटेशन दिए। जिसके अंतर्गत उऩ्होंने उम्मीदवार एवं राजनैतिक दलों के लिए निर्वाचन से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओँ से जुड़े विषयों पर राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के विभिन्न सवालों के जवाब भी दिए।
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