कनाडा के आतंकवादी समूह ने मंगलवार को ओटावा में भारतीय दूतावास को ‘बंद’ करने और उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को वापस बुलाने के लिए भारत को एक और धमकी भरा कॉल जारी किया. यह कॉल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दो दिन बाद आई.
यह धमकी संदेश ऐसे समय में आया है जब ट्रूडो अपने 36 साल पुराने एयरबस विमान में खराबी आने के बाद अभी भी भारत में हैं. जी20 लीडर्स समिट के लिए भारत आए कनाडाई पीएम की कार्यक्रम में सुस्त मौजूदगी रही. कनाडाई मीडिया के अनुसार, वह आधिकारिक जी20 गाला डिनर में भी मौजूद नहीं थे.
धमकी जारी करने वाले आतंकवादी समूह ने कहा कि ट्रूडो के “अपमान” के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार जिम्मेदार है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पिछले 48 घंटों में यह दूसरी धमकी है. समूह ने कहा कि पीएम मोदी को अपने राजदूत को वापस बुलाना चाहिए “अन्यथा उन्हें परिणाम भुगतने होंगे.” उन्होंने कहा, “अब साबित होता है कि हम जो भी दावा करते हैं वह बिल्कुल सही है. सभी आतंकी कॉल कनाडा से आती हैं और इसके लिए नेतृत्व जिम्मेदार है.”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को वहां चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में भारत की कड़ी चिंताओं से अवगत कराया, जो अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं , राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं और वहां भारतीय समुदाय को धमकी दे रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन से इतर ट्रूडो के साथ बातचीत में मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि भारत-कनाडा संबंधों की प्रगति के लिए ‘परस्पर सम्मान और विश्वास’ पर आधारित संबंध आवश्यक है.
मंत्रालय ने कहा, “प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-कनाडा संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति सम्मान और दोनों देशों की जनता के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित हैं.” विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि संगठित अपराध, मादक पदार्थ गिरोह और मानव तस्करी के साथ ऐसी ताकतों का गठजोड़ कनाडा के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि ऐसे खतरों से निपटने के लिए दोनों देशों के लिए सहयोग करना जरूरी है.
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