राजस्थान में बीजेपी ने अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किया है। पार्टी विधानसभा चुनाव को लेकर स्थानीय नेताओं के बजाय दूसरे राज्यों के नेताओं पर भरोसा जता रही है। यही कारण है कि प्रचार से लेकर संगठनात्मक मजबूती सहित चुनावी रणनीति के तहत दूसरे राज्यों के नेताओं को चुनावी रण में उतार रही है। इसके तहत प्रदेश के सभी सातों संभागों में बीजेपी सात प्रमुख नेताओं को दायित्व सौंपा है। बताया जा रहा है परिवर्तन यात्रा के बाद ये नेता प्रदेश में मोर्चा संभाल लेंगे।
बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने मिशन राजस्थान 2023 पर पूरी तरह अपनी नजरें गड़ाई हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने पूरा फोकस राजस्थान विधानसभा चुनाव पर कर लिया है। केंद्रीय नेतृत्व से लेकर कई राज्यों के नेताओं के दौरे के साथ बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। राजस्थान में दिसंबर में विधानसभा चुनाव है और बहुत कम समय बचा है। बीजेपी पूरी ताकत के साथ मिशन राजस्थान 2023 को पूरा करने में जुट गई। मिशन राजस्थान के तहत बीजेपी प्रदेश भर में चार अलग-अलग स्थानों से परिवर्तन संकल्प यात्राएं निकाल रही है।
दो सितंबर से शुरू हुई ये परिवर्तन यात्राएं राज्य के 200 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगी। परिवर्तन यात्राओं के जरिए बीजेपी प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ फेंकने के लिए लोगों से संपर्क कर रही है। इन परिवर्तन यात्राओं में सभाओं को संबोधित करने के लिए दूसरे प्रदेशों से बीजेपी अपने फायर ब्रांड नेताओं को बुला रही है।
बीजेपी ने कमजोर समझी जाने वाली सीटों के साथ ही एक तरह से पूरे प्रदेश पर अपनी पैनी नजरें गड़ा दी है। यही कारण है कि बीजेपी ने प्रदेश के सातों संभागों में सात प्रमुख नेताओं को दायित्व सौंपा है। ये नेता दूसरे राज्यों के वरिष्ठ नेता हैं, जिन्हें चुनाव लड़ने और लड़ाने के साथ ही हार जीत के गणित को प्रभावित करने में महारत हासिल है। इन प्रमुख नेताओं में दो राज्यों के संगठन महामंत्री भी शामिल है।
बताया जा रहा है कि इन संगठन मंत्रियों में एक को करीब 50 सीटों का जिम्मा दिया गया है। इन संगठन महामंत्री को पूर्वी राजस्थान के चार जिलों की सीटों का जिम्मा दिया गया है, जहां बीजेपी खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। दूसरे राज्यों से संभागवार लगाए गए ये प्रमुख नेता प्रदेश में संगठन की मजबूती के साथ ही पिछले चुनाव में प्रदर्शन, जीत या हार के कारण, जीतने वाले प्रत्याशी की संभावनाओं सहित कई अन्य जरूरी बातों का संकलन कर रिपोर्ट तैयार करेंगे।
बीजेपी प्रदेश कार्यालय से शुक्रवार को 28 प्रवासी विधायकों को विधानसभा क्षेत्रों में रवाना किया गया। बताया जा रहा है कि ये विधायक पिछली बार 200 विधायकों के समूह में शामिल थे और आ नहीं पाए थे। ऐसे में अब ये संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर काम करेंगे। ये विधायक 9 से 16 सितंबर तक रहकर जमीनी स्तर पर नब्ज टटोलने का काम करेंगे। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि इन विधायकों को उन सीटों पर भेजा गया है, जो बीजेपी के लिए कमजोर समझी जाती है। बात कुछ भी हो, लेकिन बाहरी विधायक और नेता ही चुनावी बागडोर संभाले हुए हैं।
जानकार सूत्रों का कहना है कि स्थानीय नेताओं को जिम्मेदारी देने पर गुटबाजी हावी होने की उम्मीद है, ऐसे में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व ही पूरी बागडोर संभाले हुए है। यह साफ देखा भी जा सकता है कि परिवर्तन यात्राओं की शुरुआत के लिए चारों प्रमुख केंद्रीय नेता राजस्थान आए। इसके अलावा इस बार पीएम मोदी सहित अन्य केंद्रीय नेताओं के चुनावी साल में राजस्थान में हुए हैं उतने पहले कभी नहीं हुए। बहरहाल बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व की यह रणनीति पार्टी को सत्ता में काबिज करने पर कितनी कारगर साबित होगी यह आने वाला वक्त बताएगा।
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