पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ की अध्यक्षता में मंगलवार को पर्यटन भवन के सभागार में राजस्थान मिशन- 2030 को लेकर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने में विजन डॉक्यूमेंट 2030 की अहम भूमिका होगी। इस दौरान राज्य में पर्यटन सेक्टर के विकास एवं उन्नयन के लिए विभाग की उपलब्धियों, विभाग द्वारा किए गए प्रयासों और नवाचारों के संबध में प्रस्तुतिकरण दिया गया।
राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास, प्रदेशवासियों की खुशहाली और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए संकल्पबद्ध है। राजस्थान को वर्ष 2030 तक हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसी उद्देश्य के साथ राज्य सरकार द्वारा राज्य में राजस्थान मिशन 2030 अभियान संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नवीन योजनाओं एवं पर्यटन की एग्रेसिव मार्केटिंग से ही राज्य में नवीन निवेश एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए है। राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्थान पर्यटन नई ऊंचाइयों को छू रहा है। विगत वर्ष की तुलना में 2022 में कुल 10.87 करोड पर्यटक प्रदेश भ्रमण को आए है। इसी की बदौलत राजस्थान को देशभर में 7वीं रैंक प्राप्त हुई है।
राठौड़ ने कहा कि विभाग द्वारा पर्यटन सेक्टर हेतु नीतियों एवं योजनाओं को समावेशी बनाए जाने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ संवाद स्थापित कर नीति निर्माण किया गया है। जिसके आशानुरूप परिणाम भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी राज्य इसी प्रगति पथ पर अग्रसर होकर 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बने तथा पर्यटन सेक्टर के विकास का रोल मॉडल बने। इसी उद्देश्य के साथ सभी के बहुमूल्य सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं।
पर्यटन निदेशक डॉ. रश्मि शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम में पर्यटन विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों, आधारभूत सुविधाओं सहित अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि राजस्थान पर्यटन के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बनकर उभर रहा है। हितधारकों के साथ आम जनता को सर्वोपरि रखते हुए नीति नियमों का निर्धारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हितधारकों,आमजन, विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा राज्य को 2030 तक अग्रणी प्रदेश बनाने के लिए दिए गए सुझाव बेहद महत्वपूर्ण है एवं इन सभी सुझावों पर विचार-विमर्श कर विजन दस्तावेज- 2030 में शामिल किया जायेगा।
कार्यक्रम में पर्यटन से जुड़े हितधारकों ने गाइडों के लिए डिजिटल स्मार्ट कार्ड, गाइड रूम, पर्यटकों के लिए 24*7 हेल्प लाइन, स्मारकों पर उचित यातायात प्रबंधन और पार्किंग व्यवस्था, गाइड स्मार्ट ड्रेस कोड, नए धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाने, एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने, पर्यटन आधारभूत सुविधाएं विकसित करने, स्मारकों पर टिकटिंग की उचित व्यवस्था, होमस्टे पॉलिसी को और प्रभावी बनाने, प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और गतिविधियों आमजन को अवगत करवाने के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने, पर्यटकों की सुरक्षा की प्रभावी व्यवस्था, राजस्थानी संस्कृति, लोक कला और व्यजनों की पहचान विश्वभर में स्थापित करने, पर्यटक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त करना, विभाग की वेब साइट पर पर्यटकों और हितधारकों को अपनी समस्याओं को दर्ज करने का प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना, पर्यटक स्थल तक पहुंच की यातायात सुविधा की उपलब्धता, वेब साइट पर हॉर्स स्पोर्ट्स एक्टिविटी का कैलेंडर जारी करवाना और पर्यटक स्थलों के आस पास स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नवीन अवसर सृजित करना सहित अनेक सुझाव दिए गए।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में ”राजस्थान - मिशन 2030 अभियान” 30 सितम्बर 2023 तक चलाया जा रहा है। मिशन 2030 के तहत एक करोड़ से भी अधिक प्रदेशवासियों से सुझाव लिए जा रहे हैं। राज्य सरकार इन सभी सुझावों को समाहित कर राज्य का विजन दस्तावेज 2030 जारी करेगी।
इस अवसर पर आरटीडीसी और आरएसएचसी के प्रतिनिधि, एफ.एच.टी.आर., राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स, इण्डियन हेरिटेज होटल एसोसिएशन, होटल एसोसिएशन ऑफ, जोधपुर और होटल एसोसिएशन ऑफ, जयपुर के अध्यक्ष एवं प्रतिनिधि, पाटा इंडिया चैप्टर, फिक्की, सीआईआई, पीएचडीसीआई, पी ओ डबल्यू, पर्यटक गाइड और फिल्म लाइन एजेन्टस एसोसिएशन के प्रतिनिधि सहित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे। साथ ही पर्यटन विभाग के समस्त प्रभारी अधिकारी, क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय, पर्यटक स्वागत केन्द्र, पर्यटक सूचना केन्द्र, राजस्थान बैठक में स्थानीय हितधारकों के साथ वर्चुअली भाग लिया। इसी प्रकार प्राचार्य, राजस्थान राज्य होटल प्रबन्धन संस्थान और फूड क्राफ्ट संस्थान के साथ छात्र, प्राचार्य, होटल प्रबन्धन संस्थान, बनीपार्क, जयपुर, संस्थान के अधिकारीगण सहित छात्र भी वर्चुअली माध्यम से उपस्थित रहे।
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