पर्यावरण की सुरक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि जबतक पर्यावरण संरक्षित है, तभी तक पृथ्वी पर जीवन की कल्पना की जा सकती है. इसी बीच कुछ लोगा ऐसे भी हैं, जो पर्यावरण के संरक्षण के लिए एक मिशन के तौर पर काम कर रहे हैं. लंदन के एनजीओ ग्लोबल विटनेस की रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में दुनिया भर में 177 पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई. इनमें से सर्वाधिक एक तिहाई हत्याएं कोलंबिया में हुई. इस लैटिन अमेरिकी देश में बीते साल सर्वाधिक 60 हत्याएं हुई.
कोलंबिया में साल 2021 में पर्यावरण संरक्षकों की हत्या करने की कुल 33 वारदातें सामने आई थी, जो 2022 में बढ़कर करीब दोगुनी हो गई. रिपोर्ट में दावा किया गया कि इन मामलों से जुड़े बेहद कम ऐसे अपराधी हैं, जिन्हें सजा मिल सकी. साल 2012 से पर्यावरण कार्यकताओं के संरक्षण के रिकॉर्ड को मेंटेन किया जा रहा है. तब से लेकर अबतक कोलंबिया में कुल 382 पर्यावरण के संरक्षण में लगे लोगों की हत्या की जा चुकी है. अमेजन के इन जंगलों में आवाज उठाने वाले स्वदेशी लोगों, छोटे किसान और अफ्रीकी-वंशज समुदाय के सदस्यों को भी निशाना बनाया गया है.
दक्षिणी अमेरिकी देश में जिस किसी ने भी पर्यावरण संरक्षण की आवाज उठाई, उस आवाज को कुचलने का प्रयास किया गया. केवल कोलंबिया ही नहीं बीते साल पड़ोसी राज्य ब्राजील में 34, मैक्सिको में 31 और होंडुरस में 11 पर्यावरण कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा गया.
रिपोर्ट में दावा किया गया कि कोलंबिया के उपराष्ट्रपति और 2018 में प्रतिष्ठित गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार की विजेता फ्रांसिया मार्केज को कई मौकों पर जान से मारने की धमकी मिल चुकी है. साल 2019 में, उन्होंने खनन कंपनियों के खिलाफ अपने गृह क्षेत्र में आवाज उठाई थी. जल संसाधनों के संरक्षण का मुद्दा उठाने पर उनकी गोली मारकर हत्या का प्रयास भी किया गया था.
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