संसद के विशेष सत्र को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद के विशेष सत्र से एक दिन पहले यानी 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि यह बैठक संसद भवन में होगी. सूत्रों की मानें तो सभी दलों को इसके लिए न्योता दिया गया है और शाम 4. 30 बजे ये सर्वदलीय बैठक होगी. गौरतलब है कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा, जिसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं. हालांकि, इस विशेष सत्र में एजेंडा क्या होगा, अभी तक इसे लेकर स्पष्टता नहीं है.
दरअसल, लोकसभा सचिवालय ने जानकारी दी है कि 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा. वहीं, राज्यसभा सचिवालय ने अपने बुलेटिन में कहा था कि सदस्यों को सूचित किया जाता है कि राज्यसभा का 261वां सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा. सत्र 18,19,20, 21 और 22 सितंबर तक चलेगा. अधिसूचना के मुताबिक, सत्र आमतौर पर सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे और फिर दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगा. सचिवालय सूत्रों के अनुसार विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज नहीं होगा.
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा था कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है. सरकार ने हालांकि संसद के विशेष सत्र का एजेंडा घोषित नहीं किया. संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है. हालांकि, यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधनी में जी20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है.
मोदी सरकार के अब तक के नौ वर्षों के कार्यकाल में पहली बार ऐसा संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. इससे पहले हालांकि जीएसटी के लागू होने के अवसर पर जून 2017 की मध्यरात्रि को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक बुलायी गयी थी. सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान संसदीय कामकाज नये संसद भवन में स्थानांतरित हो सकता है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को किया था.
आमतौर पर संसद के तीन सत्र होते हैं. इसमें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल हैं. विशेष परिस्थितियों में संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का प्रवधान है. संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त को संपन्न हुआ था. हाल में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अमृत काल के दौरान भारत के लक्ष्य भी विशेष सत्र में चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं. इतना ही नहीं, जी20 की सफलता भी एजेंडा में शामिल हो सकता है.
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