अपने दूसरे कार्यकाल और 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मंगलवार को आख़िरी बार लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को सम्बोधित करेंगे, जिसमें वे 2024 से आगे के भारत का विजन देश के सामने पेश कर सकते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी लगातार 10वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बन गए हैं.
आने वाले लोकसभा चुनाव और 9 साल के कामकाज के लेखा-जोखा के साथ 2024 से आगे के भारत का विजन पीएम अपने देश के नाम सम्बोधन में रखने जा रहे हैं. रक्षा मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि लाल किले प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और इस ऐतिहासिक स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करेंगे.
पीएम मोदी लालकिले से अपने संबोधन में अगले 25 वर्षों का एजेंडा देश की जनता के सामने रख सकते हैं. इसमें सामाजिक, आर्थिक, वैधानिक और राजनीतिक रोडमैप शामिल होगा.
पीएम पूर्वोत्तर भारत के लिए बड़े ऐलान भी कर सकते हैं.
वे भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के बारे में जनता को जानकारी दे सकते हैं.
अगले 5 वर्षों में गुलामी के प्रतीकों से छुटकारा पाने के एजेंडे को सामने रख सकते हैं, जिसमें सीआरपीसी, आईपीसी और एविडेंस एक्ट में बदलाव के लिए संसद में पेश किए गए विधेयक शामिल हैं.
पूर्वोत्तर भारत समेत अन्य सीमावर्ती राज्यों में अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर विकास के कामों मे तेजी और तैयार किए जा रहे इंफ्रास्ट्रक्चर के ढांचे के बारे में भी पीएम बता सकते हैं.
पीएम मोदी जम्मू कश्मीर में लहरा रहे तिरंगे और बदल रहे माहौल का जिक्र करते हुए पाकिस्तान पर भारत के रुख का भी इजहार कर सकते हैं. वे चीन को भी इशारों में संदेश दे सकते हैं.
देश के आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों और खासकर महिलाओं के लिए लाल किले से बड़े ऐलान कर सकते हैं.
आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी देश की तीन सबसे बड़ी समस्या- वामपंथी उग्रवाद, जम्मू कश्मीर के आतंकवाद और पूर्वोत्तर के आतंकवाद के मोर्चे पर सरकार की उपलब्धियों को सामने रख सकते हैं.
वामपंथी उग्रवाद के देश से लगभग सफाया करने पर अर्धसैनिक बलों की पीठ थपथपा सकते हैं. ‘मेरी माटी मेरा देश’ और ‘अमृत कलश यात्रा’ में देश के हर गांव के लोगों से शामिल होने की अपील कर सकते हैं.
देश के किसानों और युवाओ को लेकर अब तक सरकार की उपलब्धियां का ब्यौरा और आगे की रूपरेखा देश के सामने पीएम रख सकते हैं.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लाल किला पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और रक्षा सचिव गिरिधर अरामने करेंगे. बयान में कहा गया कि इसके बाद जनरल ऑफिसर कमांडिंग(जीओसी), दिल्ली क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ प्रधानमंत्री को सलामी स्थल तक ले जाएंगे. वहां एक संयुक्त इंटर-सर्विसेज और दिल्ली पुलिस गार्ड प्रधानमंत्री को सलामी देंगे.
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री के ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दल में सेना, वायु सेना और दिल्ली पुलिस के एक-एक अधिकारी और 25 कर्मी तथा नौसेना के एक अधिकारी और 24 कर्मी शामिल होंगे. ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ की कमान मेजर विकास सांगवान के हाथों में होगी. मंत्रालय ने कहा कि ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के बाद, प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर की ओर बढ़ेंगे, जहां उनका स्वागत रक्षा मंत्री, रक्षा राज्य मंत्री, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी करेंगे.
बयान में कहा गया कि दिल्ली क्षेत्र के जीओसी प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्राचीर पर बने मंच तक ले जाएंगे. झंडा फहराए जाने के बाद, तिरंगे को ‘राष्ट्रीय सलामी’ दी जाएगी. मंत्रालय ने कहा कि मेजर निकिता नायर और मेजर जास्मीन कौर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में प्रधानमंत्री की सहायता करेंगी. जैसे ही प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा, पार्श्व पंक्ति विन्यास में भारतीय वायु सेना के दो उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर मार्क-3 ध्रुव द्वारा कार्यक्रम स्थल पर पुष्पवर्षा की जाएगी. इसके बाद, प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करेंगे.
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