पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के रंग में सराबोर है. हर भारतवासी आज आजादी का 77वां उत्सव मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराकर राष्ट्र के नाम संबोधन दिया. पीएम मोदी ने लाल किले से भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करने वाले कानूनों और कदमों का जिक्र किया. देश को आगे बढ़ाने और तरक्की की ओर आगे ले जाने वाले उठाये गये कदमों का भी जिक्र किया. हर किसी की हौसला अफजाई के लिए वक्तव्य दिया. पीएम मोदी ने लाल किले से एक लंबा भाषण दिया जिसमें समाज के हर वर्ग के तेजी के साथ विकास व उत्थान करने पर बल दिया.
पीएम मोदी के भाषण में कई खास बातों के साथ एक बात यह भी रही कि उन्होंने अपने भाषण की समाप्ति पर एक कविता भी पढ़ी. यह है वह कविता
चलता-चलाता काल चक्र,
अमृत काल का भाल चक्र,
सबके सपने अपने सपने,
पनपे सपने सारे,
धीर चले वीर चले,
चले युवा हमारे,
नीति सही रीति नई,
गति सही राह नई,
चुनो चुनौती सीना तान,
जग में बढ़ाओ देश का नाम
पीएम मोदी ने अपने समापन भाषण से पहले इस कविता में देश के अमृत काल का जिक्र करने से लेकर देश को आगे और तरक्की के रास्ते पर ले जाने के साथ-साथ वीर जवानों, युवाओं, नीति, रीती, गति, चुनौती आदि का भी जिक्र किया.
इस अवसर पर पीएम मोदी देश के विकास, महंगाई, अर्थव्यवस्था, महिला सशक्तिकरण और परिवारवाद की राजनीति पर बोले. साथ ही उन्होंने विश्वकर्मा योजना का ऐलान भी किया. पीएम मोदी ने कहा कि देश को परिवारवाद ने नोंच दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि ये मोदी की गारंटी है कि देश की अर्थव्यवस्था अगले 5 सालों में टॉप 3 में होगी.
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