मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से रूबरू होकर कहा है कि जिन योजनाओं को बीजेपी चुनावी रेवड़ियां बांटने की बात कहकर हमारी सरकार पर निशाना लगा रही है। हम तो खुद ही चाहते हैं कि बीजेपी हमारी योजनाओं पर अटैक करती जाए, जितना अटैक करेगी, हमें लाभ मिलेगा, ये हमारा एजेंडा और नेरेटिव है।
गहलोत सरकार की जिन योजनाओं को बीजेपी चुनावी रेवड़ियां बांटने की बात कह रही है, जिनमें फ्री स्मार्टफोन, फ्री बिजली, अन्नपूर्णा राशन किट, 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा जैसी कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शामिल हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी के पास कुछ कहने को नहीं है। हम खुद चाहते हैं कि वो निशाना साधते रहें, क्योंकि हमारा एजेंडा बना हुआ है और ये नेरिटिव, कि वो हमारी योजनाओं पर अटैक करते जाएं, जितना वो अटैक करेंगे, हमें उसका लाभ मिलेगा, क्योंकि जनता तक वो योजनाएं और गहराई तक पहुंचेंगी। सोचने का मौका मिलेगा कि कौन सही है कौन गलत बात बोल रहा है? हमें कोई दिक्कत नहीं है उससे, हम चाहते हैं कि जमकर बोलें।
गहलोत ने जयपुर के मूंडवा में मीडिया से बातचीत में कहा-राजीव गांधी शहरी और ग्रामीण ओलम्पिक खेल राजस्थान में अनुपम प्रयोग है। पूरे मुल्क में और दुनिया के मुलकों में ऐसा नहीं होता होगा। जब एक साथ पूरे प्रदेश के गांव के लोग खेलें। 80 साल के बुजुर्ग, 60-70 साल की महिलाएं खेल रही हैं। दादा-पोते साथ खेल रहे है। पिछली बार 30 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। 10 लाख महिलाएं थीं। अबकी बार करीब 60 लाख का रजिस्ट्रेशन हुआ है, जिनमें से 25 लाख महिलाएं है। रस्साकशी के खेल में महिलाएं क्या रस्सा खींच ही थीं,मुझे बड़ा आनंद आ रहा था। बच्चियां और बहन बेटियां कबड्डी खेल रही हैं, आप सोच सकते हो इतना बड़ा आयोजन दुनिया में कहीं नहीं हुआ है। ये इसलिए किया गया है, क्योंकि ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ और एशियाड में हमारे मुल्क के लोग कहीं नहीं टिकते हैं। छोटे-छोटे मुल्क के लोग जाने कितने मेडल ले जाते हैं। राजस्थान के बच्चे भी टैलेंटेड हैं, आगे सलेक्शन में हम उनका ध्यान रखेंगे, कोचिंग देनी पड़ेगी उसका भी ख्याल रखेंगे। वैसे हमने खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिए हैं। नौकरी दे रहे हैं। रिजर्वेशन किए हैं नौकरियों में, 40 साल से ज्यादा उम्र वाले खिलाड़ियों को हम पेंशन दे रहे हैं। दुनिया में राजस्थान के खेलों की चर्चा हो रही है।
सीएम बोले- पहले मैंने कहा कि आप मांगते-मांगते थक जाओगे और मैं देते-देते नहीं थकूंगा। लेकिन अब चुनाव आने वाले हैं और 45 दिन बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी, खूब मांग लिया लोगों ने, इसलिए मैंने कहा है कि अब मैं गारंटी देना शुरू करूंगा। अगर अगली बार हम बजट पेश करेंगे तो गारंटी दी जाएगी कि ये काम किए जाएंगे।
मिशन 2030 विजन को लेकर सीएम ने बताया कि 2030 का विजन हम बना रहे हैं। पूरे प्रदेश के साहित्यकारों, पत्रकारों, लेखकों, अर्थशास्त्रियों, विशेषज्ञों, छात्रों-युवाओं, मजदूरों, संगठनों को सभी को जोड़ रहे हैं कि वो 2030 को लेकर क्या सोचते हैं ? राजस्थान में और उनके अपने फील्ड में क्या होना चाहिए ? हम चाहते हैं कि अग्रणी राज्यों में राजस्थान भी 2030 तक पहुंचे।
सीएम ने कहा इसमें पर-कैपिटा इनकम, हैप्पीनेस इंडेक्स, अर्थव्यवस्था है। अर्थव्यवस्था में आज भी राजस्थान देश में नंबर 2 पर है। नंबर 1 पर आंध्रप्रदेश है और नंबर 2 पर राजस्थान है। राजस्थान अच्छा परफॉर्म और वित्तीय प्रबंधन कर रहा है। तभी तो इतना अच्छा बजट पेश कर रहे हैं और इम्प्लीमेंट भी कर रहे हैं, लोग आश्चर्य कर रहे हैं कि इम्पलीमेंट भी हो रहा है। सड़कें बन रही हैं, कॉलेज खुल रहे हैं, तहसी बन रही हैं। जो मांगा वो सब काम हो रहे हैं। राजस्थान बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। वही माहौल लोगों तक पहुंच चुका है। महंगाई राहत शिविर हमने लगाए। महंगाई के दौर में हम लोगों को मोबाइल फोन दे रहे हैं, अन्नपूर्ण किट दे रहे हैं। 500 रुपए में गैस सिलेंडर दे रहे हैं, 25 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा हो रहा है। गायों का बीमा अलग कर रहे हैं। लम्पी रोग में मर गई उन गायों के एवज में 40 हजार रुपए हमने किसानों और पशुपालकों को दिए हैं। गौशालाओं को अनुदान अलग दे रहे हैं। नौजवानों के लिए अनुप्रति योजना है, छात्राओं के लिए स्कूटी है। इतनी योजनाएं हैं कि मुझे भी याद नहीं रहती हैं। ये सब क्यों किया जा रहा है इसलिए कि हमारे बच्चों और परिवारों को विश्वास रहे कि सरकार हमारे साथ में महंगाई के वक्त में ख़ड़ी है। हम नौकरियां लगा रहे हैं, 3 लाख नौकरियां किसे कहते हैं ? 100 जगह तो रोजगार मेले लगाए जा रहे हैं, इनमें से 30-35 मेले तो हो चुके हैं।
गहलोत बोले- गुड गवर्नेंस का उदाहरण राजस्थान बन रहा है। हमारी योजनाओं को लेकर अन्य राज्य सरकारें अपने मेनीफेस्टों में उनको ला रही है, चाहे वो कोई भी पार्टी हो। राजस्थान का गौरव इससे देश के अंदर बढा है। राहुल गांधी जी ने भी कहा था कि ऐसी योजनाएं और कहीं नहीं बन रही है। हमारी योजनाएं देश में मार्गदर्शक बन रही हैं।
गहलोत बोले- हमने तो ओपीएस मानवीय दृष्टिकोण से दे दिया। लेकिन केंद्र सरकार फंसी हुई है, कमेटी बना दी है। कुछ लागू नहीं कर पा रही है। केंद्र सरकार से भी मैं आग्रह करूंगा कि मानवीय दृष्टिकोण को देखते हुए केंद्र को आगे आना चाहिए सब सरकारी कर्मचारियों को ओपीएस देना चाहिए। राज्य में उनकी सरकारें जहां भी हैं, इसे लागू करें। कर्मचारियों के लिए सीजीएचएस की तरह हमने आरजीएचएस स्वास्थ्य योजना लागू की है। वही योजना देशभर में कर्मचारियों के लिए लागू हो, कर्मचारी 35-36 साल नौकरी करता है। बुढ़ापे से पहले उसे लगाना चाहिए मैं इलाज और पेंशन के लिए सुरक्षित रहूंगा। यह तो हक उसका भी बनता है, हमने सोच समझकर योजना लागू की है।
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