सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम फैसले आने के बाद अयोध्या में न सिर्फ आज भगवान राम का भव्य मंदिर आकार ले रहा है. बल्कि करोड़ों राम भक्तों और हजारों बलिदानों का संघर्ष भी साकार हो रहा है. इसके साथ ही रामलला की सेवा करने वाले पुजारियों के भी दिन बदलने लगे हैं. इन्हें रामलाल तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से बड़ा तोहफा दिया गया है.
जनवरी 2024 में रामलाल अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. उसके पहले उनकी सेवा में उनकी देखरेख करने वाले पुजारी और सेवादारों को तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट एक बड़ा तोहफा देने जा रहा है. उनको वह सभी सुख और सुविधा मिलेगी जो एक सरकारी कर्मचारी को मिलती है. यानी कि सरकारी कर्मचारी की तरह अवकाश, आवास भत्ता, यात्रा अथवा खान-पान भत्ता के साथ चिकित्सा भत्ता मिलेगा. इस बारे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर में तैनात सभी पुजारी और सेवादारों को जानकारी भी दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया तो राम मंदिर परिसर की सारी व्यवस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास चली गई. हालांकि यह व्यवस्थाएं सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूर्व रिसीवर के हाथों में होती थी. उस दौरान अयोध्या मंडल के कमिश्नर ही रिसीवर नियुक्त होते थे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जब सारी व्यवस्थाएं अपने पास रखी तो उस समय भी पुजारी और कर्मचारियों को उनके वेतन में बढ़ोतरी की गई. जिसमें अप्रैल 2023 में सेवादार और कर्मचारियों का वेतन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 8000 से बढ़कर ₹15000 किया था. इसके साथ ही लगभग ₹10000 से सहायक पुजारी का वेतन बढ़कर ₹20000 कर दिया गया था, जबकि मुख्य पुजारी अचार सत्येंद्र दास का वेतन 15520 रुपये से बढ़कर₹25000 कर दिया. तो दूसरी तरफ कोठारी और भंडारी जैसे कर्मचारियों का वेतन भी सीधे ₹15000 कर दिया गया. अब भगवान राम अपने भव्य महल में विराजमान होने वाले हैं. तो श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अपने पुजारी और कर्मचारियों को सरकारी स्टाफ की तरह सुख सुविधा भी देने जा रहा है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि आगामी दिनों में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अपने पुजारी और सेवादारों को वह सभी सुविधाएं देगा. जो एक सरकारी कर्मचारी को मिलता है. इतना ही नहीं जिन पुजारी और सेवादारों को मकान नहीं है. उनका मकान भी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट देगा. उसका किराया भी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट देगा. वह सभी सुख सुविधा पुजारी और कर्मचारियों को तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट देने जा रहा है. जो एक सरकारी कर्मचारी की होती है. आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि दक्षिण भारत के मंदिरों में सरकार द्वारा गठित ट्रस्ट जो व्यवस्थाएं अपने पुजारी को दे रहा है. वहीं व्यवस्था यहां भी दिया जाएगा. उन्होंने इसके लिए ट्रस्ट को धन्यवाद दिया.
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.