बागी खेमे को बेअसर करने की NCP चीफ शरद पवार की नई चाल, अपना रहे एक अलग रणनीति

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने विद्रोही अजीत पवार (Ajit Pawar) गुट का मुकाबला करने के लिए कमर कस ली है. अब उनकी ताजा रणनीति हर आठ से दस दिनों में राज्य के विभिन्न इलाकों में राजनीतिक महत्व की जगहों पर रैलियां करने और नए चेहरों को मंच पर लाने की होगी. इनमें युवाओं और महिलाओं को नेतृत्व की जिम्मेदारियां देने पर फोकस किया जा रहा है. शरद पवार ने अपनी पार्टी में विभाजन के बाद 17 अगस्त को महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके के बीड में अपनी दूसरी पब्लिक रैली की.

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक शरद पवार की अगली रैली के लिए तीन जगहों को अंतिम रूप दिया गया है. जो पुणे जिले में कोल्हापुर, जलगांव और मंचर हैं. कोल्हापुर बागी मंत्री हसन मुश्रीफ का गृह जिला है. जलगांव उत्तरी महाराष्ट्र में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जिला है और शरद पवार के वफादार एकनाथ खडसे का गृह जिला है. जो बीजेपी छोड़कर एनसीपी में शामिल हो गए हैं. तीसरी जगह मंचर बागी मंत्री और शरद पवार के पूर्व करीबी सहयोगियों में से एक दिलीप वाल्से-पाटिल के अंबेगांव विधानसभा सीट में पड़ता है. पवार के कार्यक्रम की योजना तैयार करने वाली टीम में शामिल एक नेता ने कहा कि ‘यह फैसला लिया गया है कि एक लंबे दौरे के बजाय, रणनीतिक जगहों पर नियमित अंतराल पर रैलियां आयोजित की जाएंगी.’

एनसीपी के नेता ने कहा कि ‘हमने बीड रैली का असर और इससे दूसरे समूह में पैदा हुई बेचैनी देखी है. अलग-अलग हिस्सों के लोग चाहते हैं कि पवार साहब उनके इलाके में आएं. फिलहाल हम जिला मुख्यालय जाएंगे.’ नियमित अंतराल पर रणनीतिक जगहों पर रैलियों के अलावा, नए और युवा चेहरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी. शरद पवार के पोते और कर्जत-जामखेड से विधायक रोहित पवार से भीड़ ने बीड में भाषण देने का आग्रह किया. अब से हर रैली में अजीत पवार गुट के नेताओं को टक्कर देने के लिए जिले या निर्वाचन क्षेत्र से एक नया चेहरा भीड़ के सामने लाया जाएगा.

इसके साथ ही शरद पवार की ओर से सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए लोगों को लुभाने की कोशिश की जा रही है. बीड राज्य के कृषि मंत्री और अजीत पवार के करीबी सहयोगी धनंजय मुंडे का गृह जिला है. मुंडे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी बबन गिते पार्टी में शामिल हुए. बबन गिते ओबीसी वंजारी समुदाय से हैं. वहीं कोल्हापुर में छत्रपति शाहू महाराज के वंशज शाहू महाराज ने कथित तौर पर पब्लिक रैली की अध्यक्षता करना स्वीकार कर लिया है.

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