त्रेता युग से ही धर्म नगरी अयोध्या और महर्षि वशिष्ठ की धरती बस्ती से अटूट नाता रहा है. जहां एक तरफ अयोध्या भगवान श्रीराम की धरती है तो वर्तमान में बस्ती जनपद को त्रेता युग में गुरू वशिष्ठ की धरती कहा जाता था, क्योंकि भगवान राम के गुरू महर्षि वशिष्ठ यही बस्ती जनपद में ही निवास किया करते थे.
केन्द्र में मोदी और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आते ही अयोध्या नगरी का चौतरफा विकास हो रहा है. धर्म नगरी अयोध्या का विकास होने के साथ ही पड़ोसी जनपद बस्ती का भी विकास हो रहा है. इसी क्रम में अयोध्या महाविकास योजना में बस्ती जनपद के भी कुछ हिस्सों को शामिल किया जा रहा है.
आपको बता दें कि अयोध्या महाविकास योजना के अंतर्गत अयोध्या विकास प्राधिकरण का दायरा बढ़ाया जा रहा है. जिसके क्रम में बस्ती के 126 गांव को अयोध्या विकास महायोजना में शामिल किया गया है. लेकिन अभी पहले फेज में जनपद के 13 गांव की जमीन को लिया गया है. जिसमें हरैया तहसील के रमहटिया, मझौवा दूबे, एकमा हरदिया, पिरौली पांडे, पड़रिया, रैदासपुर, बड़ागांव, चौरा, मलौली दूबे, पिकौरा चौबे, एलिया जुग्गाराम, रायपुर, एकमा हिरमिया आदि गांव शामिल हैं.
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि बस्ती जनपद के जिन-जिन गांवों की ज़मीन को अधिग्रहित किया जा रहा है उन गांव के लोगों को उनको सर्किल के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा. इसके लिए सभी जरूरी कागजात तैयार कर लिए गए हैं.
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