उतार-चढ़ाव के इस मौसम में उपखंड क्षेत्र के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में आई फ्लू के बाद अब वायरल फीवर की दस्तक ने लोगों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। कभी बारिश में ठंडक तो कभी 'धूप में गर्मी के बाद मौसम में उतार-चढ़ाव होंने से वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। आलम यह है कि सुबह से शाम तक बुखार से पीड़ित बच्चे बूढ़े और जवानों की भीड सीएचसी पर दिनभर लगी रहती है। हालत ये है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पिछले तीन-चार दिनों से ओपीडी 700 के पार पहुंच गई है।सीएचसी पर कार्यरत डॉ शशिकांत शर्मा ने बताया कि हर साल बारिश के सीजन में मौसमी बीमारियां फैलती हैं, लेकिन इस बार असर कुछ ज्यादा है। कुछ दिन पहले आई फ्लू ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया था। अब आई फ्लू के मरीजों की संख्या कम हो गई है। वहीं वायरल फीवर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बुखार के साथ-साथ खांसी-जुकाम से भी लोग परेशान हैं।उन्ह़ोने बताया कि पिछले कुछ दिनों से सीएचसी की ओपीडी में वायरस से ग्रसित मरीजों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है। उपचार के साथ-साथ लोगों को बीमारियों से बचाव के उपाय भी बताए जा रहे हैं। बारिश के पानी को घर के आसपास जमा होने से रोकें, तला-भुना खाने व बारिश में भीगने से बचें, हल्की खांसी, जुखाम या बुखार को तुरन्त जांच व सही उपचार लें, ठंडा पानी ना पीए, बाहर से किसी तरह के संक्रमण से बचाव के लिए खाना खाने से पहले व बाद में साबुन व साफ पानी से हाथों को धोएं।।
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