अगर आज चांद पर नहीं उतरा चंद्रयान-3 तो फिर क्या होगा? ISRO के पास होंगे ये 3 विकल्प

इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने पहले मीडिया को ब्रीफ करते हुए कहा था कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि चंद्रयान-3 अपने निर्धारित तारीख और समय 23 अगस्त, शाम 6:04 बजे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग से चूक जाए. उन्होंने दावा किया था कि चंद्रयान-2 के साथ जो गलत हुआ, उसे ध्यान में रखते हुए चंद्रयान-3 को फेल-सेफ मैनर में विकसित किया गया है. उन्होंने कहा था कि भले ही चंद्रयान-3 के सारे सेंसर फेल हो जाएं, दोनों इंजन बंद हो जाएं, विक्रम लैंडिंग कर लेगा. अगर इसके बावजूद भी कोई चूक हो जाए तो क्या होगा? चंद्र मिशन के पास क्या वैकल्पिक योजनाएं हैं? 

अगर चंद्रयान-3 किसी कारणवश आज शाम लैंडिंग नहीं कर पाता है, तो 24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग का दूसरा प्रयास करेगा. आज शाम 5.45 बजे इंटरनल चेकिंग के बाद और चंद्रमा पर सूर्य उदय होने पर सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी. यह पूरी प्रक्रिया शाम 5:45 बजे से शुरू होकर 17 मिनट तक चलेगी, जिसमें लैंडर अपने इंजन चालू करेगा और लैंडिंग की तैयारी करेगा.

लैंडिंग के लिए अंतरिक्ष यान को होरिजोंटल से वर्टिकल होना होगा. यह लैंडिंग के पहले की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया होगी. इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत में फिर दोहराया, ‘अगर सब कुछ विफल हो जाता है, अगर सभी सेंसर विफल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, फिर भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा. इसे इसी तरह डिजाइन किया गया है- बशर्ते कि प्रोपल्शन सिस्टम अच्छी तरह से काम करे. हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि अगर इस बार भी (विक्रम में) दोनों इंजन काम नहीं करते हैं, तब भी यह लैंडिंग में सक्षम होगा.’

यदि आज चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग में चूक हो जाती है, तो अधिक प्रयासों के लिए विंडो 14 दिनों तक खुली रहेगी. क्योंकि एक चंद्र दिवस पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है. अगली विंडो तब खुलेगी जब चंद्रमा पर सूर्य उदय होगा. यह 14 दिन बाद संभव हो पाएगा, यानी 7 सितंबर के आस पास.

चूंकि चंद्रयान-3 लैंडिंग के लिए अगले प्रयास की प्रतीक्षा करेगा, तो यह तब तक के लिए 25KmX134Km की अपनी वर्तमान कक्षा में मंडराएगा. पिछली बार चंद्रयान-2 उस समय विफल हो गया था, जब लैंडर सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर सका. लैंडर से इसरो का संपर्क उस समय टूट गया था, जब वह चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. यह 7 सितंबर, 2019 को चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

चंद्रयान-3 को उन परिस्थितियों से निपटने के लिए विकसित किया गया है, जिनके कारण चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हुई थी. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा, ‘अगर यह कल किसी भी कारण से नहीं उतरता है, चाहे लैंडर के स्वास्थ्य या संचार में रुकावट हो, तो हम 24-50 घंटों के भीतर फिर से लैंडिंग का प्रयास करेंगे. इस बीच, वैकल्पिक लैंडिंग साइटों पर भी विचार किया जाएगा.’

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | गाजियाबाद में पड़ोसी ने युवती के साथ किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार | मदरसे में 7 साल के बच्चे की संदिग्ध हालत में मौत, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा | रक्षाबंधन पर भाई ने उजाड़ दिया बहन का सुहाग, दोस्त के साथ मिलकर की बहनोई की हत्या, आरोपी गिरफ्तार | गाजियाबाद में नामी स्कूल की शिक्षिका को प्रेम जाल में फंसा कर धर्मांतरण के लिए किया मजबूर, आरोपी गिरफ्तार | यूपी टी-20 प्रीमियर लीग के उद्घाटन समारोह के लिए सीएम योगी को मिला आमंत्रण | विनेश फोगाट का अधूरा सपना पूरा करेगी काजल, अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में जीता गोल्ड | चिकित्सा मंत्री की पहल पर काम पर लौटे रेजीडेंट, चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था होगी और मजबूत, समस्याओं के निराकरण के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर पर कमेटी गठित करने के निर्देश | लोहागढ़ विकास परिषद के बाल-गोपाल, माखन चोर, कृष्ण लीला, महारास कार्यक्रम में देवनानी होंगे मुख्य अतिथि |