पंजाब के मोहाली NIA स्पेशल कोर्ट के आदेशों के बाद जांच एजेंसी ने जो अमृतसर और चंडीगढ़ में प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (SJF) संगठन के नेता व घोषित आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) की जमीन जब्त की है. उसकी बाजार में कीमत करीब 46 करोड़ बताई जा रही है. अब इस जमीन पर भारत सरकार का हक है. जांच एजेंसी NIA, पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी के बीच शनिवार को खानकोट गांव में पन्नू परिवार की लगभग 22 एकड़ पुश्तैनी जमीन के सामने नोटिस लगा दिया गया है.
पंजाबी और अंग्रेजी दोनों में लिखे गए नोटिस में कहा गया कि गुरपतवंत का 22 एकड़ हिस्सा जब्त किया जा रहा है. उसका हिस्सा कुल क्षेत्रफल का 1/5.16वां (46 कनाल) है. जानकारी के मुताबिक 22 एकड़ में से 18 एकड़ जमीन सरदारा वाला खानकोट क्षेत्र में आती है. शहर के करीब स्थित इस जमीन की बाजार कीमत करीब 1 करोड़ रुपये प्रति एकड़ है. शेष चार एकड़ जमीन एक पांच सितारा होटल-सह-शॉपिंग मॉल के पीछे है और इसका व्यावसायिक मूल्य अधिक है. सूत्रों के मुताबिक शेष चार एकड़ जमीन का मूल्य प्रति एकड़ 2 करोड़ रुपए के करीब है.
दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसी द्वारा जमीन की जब्ती का नोटिस लगाए जाने के बाद गांव में सन्नाटा पसर गया. NIA के नोटिस ने ग्रामीणों और मीडिया का ध्यान उनकी ओर आकर्षित तो किया, लेकिन इसे पढ़ने के बाद अधिकांश ग्रामीणों ने मीडियाकर्मियों से मिलने से परहेज किया और चुप्पी साधे रखी. स्थानीय लोग पन्नू और उसके परिवार पर टिप्पणी करने से बचते रहे. गांव में गुरपतवंत के दूर के रिश्तेदारों के तीन घर हैं, लेकिन उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करने से इनकार कर दिया. कुछ रिश्तेदारों ने कहा कि वे राष्ट्रवादी थे. उन्होंने कहा कि उनके परिवार का सदस्य राजदूत के पद तक पहुंच गया था.
एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से सरपंच सुखदेव सिंह ने कहा कि गांव से बाहर होने के कारण उन्हें मामले की जानकारी नहीं है. उन्होंने दावा किया कि किसी भी सरकारी विभाग का कोई प्रतिनिधि उनसे मिलने नहीं आया. उन्होंने कहा कि गुरपतवंत का परिवार तीन दशक पहले अमेरिका चला गया था, इसलिए युवा पीढ़ी उनके बारे में ज्यादा नहीं जानती. पूर्व में जब वे गांव आये तब भी उन्होंने कभी उनसे बातचीत नहीं की थी. गुरपतवंत के दो भाई हैं उनके पिता महिंदर सिंह का कई साल पहले निधन हो गया था. उनके दिवंगत पिता ने करीब 23 साल पहले जमीन पट्टे पर दी थी. जमीन जोतने वाले किसान ने कहा कि वह गुरपतवंत के भाई या परिवार के किसी अन्य सदस्य को वार्षिक राशि का भुगतान करता है जो आमतौर पर साल में एक बार आते हैं. 22 एकड़ में से 18 एकड़ जमीन सरदारा वाला खानकोट क्षेत्र में आती है. गांव को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जिनमें से दो अन्य हैं पारला खानकोट और राम सिंह वाला खानकोट.
SFJ गठन के स्वयंभू जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नू का चंडीगढ़ के पॉश सेक्टर 15 में भी दो मंजिला कोठी थी, जिसे NIA ने अपने कब्जे में ले लिया है. दो मंजिल वाले इस घर की देखभाल फिलहाल एक केयरटेकर द्वारा की जा रही है. एक निवासी ने कहा कि पन्नू का भाई जो यहां रहता था, बहुत पहले ही बाहर चला गया था. एक रियल एस्टेट एजेंट ने कहा कि यह दो कनाल संपत्ति जिसमें पन्नू की एक-चौथाई हिस्सेदारी है और उसका मूल्य 15 से 20 करोड़ रुपये के बीच होने का अनुमान है. रिपोर्ट में एक पुलिस सूत्र के हवाले से कहा गया है कि विदेश में बसा पन्नू का भाई केयरटेकर को वेतन देता है. पास के एक निवासी ने कहा कि केयरटेकर और उसके परिवार के अलावा घर में कोई मेहमान नहीं आता है.
पिछले साल लुधियाना के एक कांग्रेस नेता और उनके समर्थकों ने पन्नू के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मुख्य द्वार पर भारतीय झंडे फहराए थे. स्थानीय पार्षद सौरभ जोशी ने कहा कि पहले सेक्टर 15 में पन्नू की पैतृक संपत्ति के बारे में केवल कुछ ही लोगों को जानकारी थी, लेकिन जब पिछले साल उनके घर के बाहर एक नोटिस चिपकाने और इसके परिणामस्वरूप उनके आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन की खबर फैली तो लोगों ने वहां जाना शुरू कर दिया. एक अन्य निवासी ने कहा कि उसे पंजाब विश्वविद्यालय के एक दोस्त के माध्यम से पन्नू के घर से संबंध के बारे में पता चला था. पन्नू के पिता मोहिंदर सिंह पन्नू विभाजन के कुछ साल बाद चंडीगढ़ चले आए थे, 1996 में अपने निधन तक यहीं रहे थे.
गौरतलब है कि NIA स्पेशल कोर्ट मोहाली के आदेश के बाद आतंकी पन्नू की शनिवार को संपत्ति जब्त कर ली गई. NIA के अधिकारियों ने सुबह जब्ती की कार्रवाई करने के लिए घर का दौरा किया और वहां लगभग तीन घंटे बिताए थे. घर के बाहर एक संपत्ति जब्ती नोटिस प्रदर्शित किया गया है, जिसमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967 की धारा 33 (5) के तहत NIA मामले में घोषित अपराधी गुरपतवंत सिंह पन्नू के स्वामित्व वाली संपत्ति के एक-चौथाई हिस्से की कुर्की का संकेत दिया गया है.
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