नेशनल अवॉर्ड विनर फिल्ममेकर विशाल भारद्वाज ने अभी तक ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) और ‘द केरल स्टोरी’ नहीं देखी है. यह दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी. लेकिन विपक्षी पार्टियों ने इसे प्रोपेगेंडा फिल्में बताया था. दोनों ही फिल्मों पर एक धर्म विशेष की नाकारत्मक छवि पेश करने का आरोप लगा था. विशाल भारद्वाज ने वजह बताई है कि उन्होंने अबतक इस फिल्म को क्यों नहीं देखा. साथ ही उन्होंने कई फिल्ममेकर्स को नसीहत भी दी है कि वह इस फिल्म की कहानियों को संवेदनशीलता के साथ लें.
विशाल भारद्वाज ने कहा, “मैंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरल स्टोरी’ (The Kerala Story) नहीं देखी और मेरा मन भी नहीं हुआ उसे देखने का. इन फिल्मों के बारे में जिस तरह की बातें मैं सुन रहा था, मैं उससे प्रभावित नहीं होना चाहता था. मुझे दोस्तों और जानने वालों ने बताया कि ये दोनों प्रोपेगेंडा फिल्में हैं. इसलिए, मैं बस इससे दूर रहना चाहता था क्योंकि, मेरे लिए यह एक बहुत ही संवेदनशील विषय है.”
विशाल भारद्वाज ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में आगे कहा, “अगर इतनी नकारात्मकता है तो मैं उस नकारात्मकता से बाहर रहना चाहता हूं, मुझे अपनी शांति पसंद है. इसलिए मैं उन्हें देखना नहीं चाहता.” इसके अलावा उन्होंने फिल्ममेकर्स को नसीहत भी दी कि वह इस तरह की फिल्मों की गंभीरत को समझें और प्रोपेगेंडा न फैलाएं.”
विशाल भारद्वाज ने कहा कि रियल लाइफ की दुखद घटनाओं से इंस्पायर्ड कहानियों की संवेदशनशीलता को समझे और गंभीरता से लें. उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि मेरी फिल्ममेकर कम्युनिटी ऐसी कहानियों को संवेदनशील तरीके से लें और इसे प्रोपेगेंडा के तौर पर इस्तेमाल न करें.”
बता दें, ‘द कश्मीर फाइल्स’ में अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी लीड और अहम रोल में थे. फिल्म की कहानी 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के इर्द-गिर्द घूमती है. इसका डायरेक्शन विवेक अग्निहोत्री ने किया था. वहीं, द केरल स्टोरी को सुदीप्तो सेन ने डायरेक्ट किया था. फिल्म में दिखाया गया कि इस्लामिक स्टेट कैसे केरल की महिलाओं को धर्म परिवर्तन कर अपने ग्रुप में शामिल करते हैं.”
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