कनाडा में एक भारतीय मूल के सांसद ने एक बार फिर हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य (Chandra Arya) ने सीबीसी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि कनाडा में खालिस्तानी समूहों (Khalistani Groups) से बढ़ते खतरों के मद्देनजर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय भयभीत है. कनाडा में हिंदू लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ( Justin Trudeau) के के सरे में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या में भारत सरकार के शामिल होने के दावे के बाद कनाडा में हिंदू लोगों के खिलाफ धमकियों की निंदा की. इंटरव्यू के दौरान आर्य ने कनाडाई टिप्पणीकार एंड्रयू कॉइन के कॉलम का हवाला दिया. जिन्होंने कहा था कि ‘कनाडा में सांप्रदायिक खून-खराबे का खतरा असली है.’
खालिस्तान आंदोलन के बढ़ते खतरे के बारे में लिबरल सांसद की चेतावनी सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) की ओर से हिंदू समुदाय के खिलाफ हालिया धमकियों के मद्देनजर आई है. भारत में नामित आतंकवादी एसएफजे के पन्नू ने कनाडा में हिंदुओं को धमकी दी है और उन्हें देश छोड़ने के लिए कहा है. खालिस्तानी अलगाववादी सरगना ने कनाडा में सिखों से वैंकूवर में 29 अक्टूबर को होने वाले तथाकथित जनमत संग्रह में वोट डालने की भी अपील की. पन्नू का एक वीडियो वायरल होने के बाद कनाडा की सरकार ने इस तरह के काम पर अपनी असहमति जाहिर की और इस बात पर जोर दिया कि देश में नफरत के लिए कोई जगह नहीं है.
सार्वजनिक सुरक्षा कनाडा ने इस हफ्ते एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ‘कनाडा में नफरत के लिए कोई जगह नहीं है. एक ऑनलाइन वीडियो, जिसमें कनाडाई हिंदू लोगों को कनाडा छोड़ने के लिए कहा गया है, अपमानजनक और घृणास्पद है और यह सभी कनाडाई लोगों और हमारे मूल्यों का अपमान है. आक्रामकता, घृणा, धमकी या भय भड़काने के कामों की इस देश में कोई जगह नहीं है और वे केवल हमें बांटने का काम करते हैं. हम सभी कनाडाई लोगों से एक-दूसरे का सम्मान करने और कानून के शासन का पालन करने की अपील करते हैं.’
जैसे-जैसे कनाडा में तनाव बढ़ता जा रहा है, भारत ने एक एडवाइजरी जारी कर देश में अपने नागरिकों और यात्रा की योजना बना रहे लोगों से बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों, घृणा अपराधों और हिंसा के मद्देनजर अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि खालिस्तान समर्थकों की धमकियों ने विशेष रूप से भारतीय राजनयिकों और भारतीय समुदाय के उन वर्गों को अपना निशाना बनाया है जो भारत विरोधी एजेंडे का विरोध करते हैं.
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