प्रदेश के सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में सब्जेक्ट टीचर्स के पद रिक्त होने पर भी सभी विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लासेज में मिशन ज्ञान के ई-लेक्चर्स के माध्यम से एडवांस साप्ताहिक टाइम टेबल बनाकर प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार तक का पढ़ाई कराई जाएगी। वहीं हर सप्ताह सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को इन स्कूलों में प्रातः 8 से 9.30 बजे तक रेमेडियल क्लासेज भी लगाई जाएगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है।
स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने शनिवार को जयपुर में शिक्षा संकुल से प्रदेश में डिजिटल शिक्षा नवाचारों पर आयोजित राज्य स्तरीय वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) से जुड़े प्रदेशभर के शिक्षा अधिकारियों सीनियर सैकेंडरी स्कूल के संस्था प्रधानों और शिक्षकों से मिशन स्टार्ट और ई-एजुकेशन नवाचारों पर विस्तृत संवाद करते हुए इस बारे में विशेष निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि शाला दर्पण पोर्टल पर स्मार्ट क्लासेज के संचालन की मॉनिटरिंग के लिए विशेष मॉड्यूल बनाया गया है, इस पर सीनियर सैकेंडरी स्कूल के संस्था प्रधानों को प्रति सप्ताह का टाइम टेबल बनाकर एडवांस में अपलोड करना होगा। सभी संयुक्त निदेशकों, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयकों सहित सम्बंधित अधिकारियों को ई-एजुकेशन नवाचारों से जुड़ी हर गतिविधि की सख्त मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए।
जैन ने कहा कि स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा के विषय अध्यापक उपलब्ध नहीं होने पर भी ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड पर स्मार्ट क्लासेज के माध्यम से विद्यार्थियों को अध्ययन कराने के लिए मिशन स्टार्ट के तहत योजनाबद्ध तरीके से व्यापक तैयारियां की गई है। जिन स्कूलों में कम्प्यूटर, स्मार्ट टीवी और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है, वहां आनलाइन मोड पर मिशन ज्ञान के ई-लेक्चर्स से पढ़ाई कराई जाएगी। वहीं इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या वाले क्षेत्रों में भी बिना किसी रूकावट के आफलाइन मोड पर नियमित तौर स्मार्ट क्लासेज संचालन के लिए हार्ड ड्राइव में मिशन ज्ञान के 9वीं से 12वीं तक के लेक्चर फीड करते हुए स्कूलों तक पहुंचाए जा रहे है। अभी तक प्रदेश के 2000 हजार सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में प्री-लोडेड लेक्चर के साथ हार्ड ड्राइव पहुंचा दी गई है, आगामी तीन सप्ताह में शेष स्कूलों में भी ये हार्ड ड्राइव उपलब्ध करा दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में विषय अध्यापक उपलब्ध है, वहां कठिन टॉपिक के बारे में या फिर सब्जेक्ट टीचर्स की अनुपस्थिति में तकनीक का इस्तेमाल करते हुए छात्र-छात्राओं को स्मार्ट तरीके से अध्ययन का विकल्प प्रदान किया जाए।
शासन सचिव ने वीसी में विभागीय अधिकारियों, संस्था प्रधानों और शिक्षकों का आह्वान किया है कि वे विद्यार्थियों को कक्षाओं में स्मार्ट क्लासेज के माध्यम से पढ़ाने के लिए बदलती तकनीक के दौर से घबराएं नहीं, उसे सहजता से आगे बढ़कर अपनाते हुए धरातल पर शिक्षण के तरीके में बदलाव लाए। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के चेंज को न कोई रोक पाया है और न कोई रोक पाएगा, ऐसे में स्मार्ट क्लासेज, स्मार्ट टीवी, कम्प्यूटर, इंटरनेट और हार्ड ड्राइव जैसे डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए विभागीय अधिकारी और शिक्षक ई-नवचारों का अपने स्तर से नेतृत्व करे।
वीसी में रेमेडियल क्लासेज के संचालन के लिए स्कूलों में वर्क बुक वितरण की भी विशेष रूप से समीक्षा की गई। शासन सचिव ने निर्देश दिए कि राज्य स्तर से सीबीईओ को जो वर्क बुक भिजवाई गई है, उनका 27 सितम्बर तक सभी स्कूलों में वितरण करते हुए हर बच्चे के हाथ में पहुंचाना सुनिश्चित करे। इसके बाद 29 सितम्बर से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सभी सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में रेमेडियल क्लासेज का संचालन आरम्भ करे।
जैन ने रेमेडियल क्लासेज की वर्कबुक के वितरण और अन्य कार्यो में शिथिलता बरतने पर धौलपुर, टोंक एवं बाड़मेर के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही आरम्भ करने के निर्देश दिए। उन्होंने जैसलमेर, प्रतापगढ़, करौली और श्रीगंगानगर जैसे दूरस्थ इलाकों में त्वरित गति से वर्कबुक वितरण के लिए वहां के अधिकारियों की पीठ थपथपाई।
वीसी में शाला दर्पण पोर्टल से जुड़ी समस्याओं के लिए दो हेल्पलाइन नम्बर 0141-2700872 तथा 0141-2711964 जारी किए गए। अधिकारियों और संस्था प्रधानों को विभागीय सूचनाओं के ऑफलाइन आदान-प्रदान के बजाय शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन मोड पर सूचनाएं भिजवाने के निर्देश दिए गए। वीसी में स्कूल आफ्टर स्कूल प्रोग्राम, शाला सम्बलन एप, छात्र उपस्थिति एप, प्रमुख कम्पनियों के साथ राज्य के राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए डिजिटल एजूकेशन नवाचारों के एमओयू सहित सहित अन्य ई-एजुकेशन से जुड़ी अन्य गतिविधियों पर चर्चा की गई । वीसी में स्कूल शिक्षा निदेशक कानाराम, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. टी. शुभमंगला, अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक डॉ. अनिल कुमार के अलावा प्रदेश भर से संयुक्त निदेशक, सीडीईओ, डीईओ, सीबीईओ और सीनियर सैकेंडरी स्कूलों के संस्था प्रधान तथा अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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