7 सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़वाकर BJP ने कैसे खेला MP में बड़ा सियासी दांव? देखें सीटों का समीकरण

मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उम्‍मीदवारों की दूसरी सूची में 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को टिकट देकर चौंका दिया है. इसमें मुरैना की दिमनी सीट से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सतना से सांसद गणेश सिंह, सीधी से सांसद रीती पाठक, जबलपुर पश्चिम से सांसद राकेश सिंह, गडरवारा से सांसद उदय प्रताप सिंह, नरसिंहपुर से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और निवास सीट से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को विधानसभा टिकट दिया गया है.

भाजपा की इस सूची में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के शामिल होने से चुनावी मुकाबला रोचक हो गया है. इस सूची के सामने आने के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं तो इसे 2024 के पहले का सेमीफायनल भी कहा जा रहा है. दिग्‍गजों के चुनाव मैदान में आने से कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ गया है. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस की सूची पर लोगों की उत्‍सुकता बढ़ गई है. जानकारों का कहना है कि केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के चुनाव लड़ने से आसपास की सीटों पर भी प्रभाव पड़ेगा.

मुरैना की दिमनी सीट जहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी के उम्मीदवार हैं; में बीजेपी पहले कई बार जीत चुकी है. 1980 से 1993 तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा. लेकिन 1993 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. 1998 से 2013 तक यह सीट बीजेपी के कब्जे में रही जबकि इसके बाद 2013 में यह सीट बहुजन समाजवादी पार्टी और फिर 2018 में कांग्रेस और 2020 के उपचुनाव में कांग्रेस के खाते में गई थी.

सतना की सीट पर भी 2003 से 2018 तक बीजेपी का कब्जा रहा है. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा ने जीत हासिल की. अगर सीधी सीट की बात करें तो यह सीट 2008 से बीजेपी के कब्जे में है और 2008 से अभी तक केदारनाथ शुक्ला पार्टी के विधायक रहे हैं. माना जा रहा है कि पेशाब कांड विवाद के कारण उनका पार्टी ने टिकट काट दिया.

जबलपुर पश्चिम की बात करें तो 1990 से 2013 तक यह सीट बीजेपी के खाते में थी लेकिन 2013 से अब तक इस सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की और यहां से तरुण भनोट 2013 से अभी तक विधायक हैं.
गाडरवारा से 2018 में सुनीता पटेल विधायक बनी जो कि कांग्रेस की सदस्य है.

2018 में नरसिंहपुर से जालम सिंह पटेल विधायक हैं जो बीजेपी के हैं. उनके बदले प्रह्लाद पटेल को वहां से टिकट दिया गया है. जालम पटेल प्रह्लाद पटेल के भाई है. इसके अलावा जबकि निवास सीट से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को टिकट दिया गया है जहां 2018 से कांग्रेस के अशोक मर्सकोले विधायक हैं.

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